-हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत में है पंडित चंद्रकांत आप्टे का महत्वपूर्ण स्थान

-संगीत को किया जीवन समर्पित

उनके शिष्यों ने देशभर में पाई ख्याति

JAMSHEDPUR : इन्होंने अपना जीवन संगीत को समर्पित किया। इनसे शिक्षा लेने वाले कई शिष्य आज संगीत की दुनिया में अपना मुकाम बना चुके हैं। बात हो रही है शास्त्रीय संगीत के प्रख्यात गुरु पंडित चंद्रकांत आप्टे की। पंडित चंद्रकांत आप्टे न सिर्फ जमशेदपुर, बल्कि पूरे देश में शास्त्रीय संगीत के प्रचार-प्रसार में लगे रहे। एक जून ख्0क्क् को पंडित चंद्रकांत आप्टे का निधन हुआ। अपने शिष्यों और संगीत प्रेमियों के दिलो में आज भी वे जीवित हैं।

भुलाना है मुश्किल

शिल्पा राव, श्रद्धा दास, राजदीप चटर्जी, संचाली चटर्जी जैसे मशहूर बॉलीवुड सिंगर्स के गुरु रह चुके पंडित चंद्रकांत आप्टे का हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत में अहम स्थान है। उनका पूरा जीवन संगीत को समर्पित रहा। छोटी उम्र से ही उन्होंने हिंदुस्तानी संगीत की शिक्षा लेनी शुरु कर दी। केएमपीएम हाई स्कूल से पढ़ाई पूरी करने के बाद संगीत की शिक्षा लेने के लिए वे मुंबई चले गए और वहां ग्वालियर घराने के पंडित नारायण राव से शिक्षा ग्रहण की। क्9भ्7 में वे मुंबई से जमशेदपुर आए।

संगीत शिक्षक के रूप में किया कार्य

पंडित चंद्रकांत आप्टे क्9म्7 से क्99भ् तक डीएम मदन स्कूल में बतौर म्यूजिक टीचर रहे। उनके शिष्य पंकज झा ने बताया कि वे अखिल भारतीय गंधर्व महाविद्यालय के ईस्ट जोन के हेड भी थे। उन्होंने कहा कि उनके शिष्यों ने देशभर में नाम किया है और कई शिष्य संगीत शिक्षक के रूप में भी कार्य कर रहे हैं। पंकज झा ने बताया कि वे उत्कृष्ट बंदिशों की रचना के लिए भी जाने जाते थे। उनके जन्म दिवस के मौके पर उनके शिष्यों द्वारा जमशेदपुर में शास्त्रीय संगीत का कार्यक्रम आयोजित कर उन्हे याद करते हैं।