कानपुर से आई टीम ने बेहोश करके डाला पिंजरे में, लाया गया जिला मुख्यालय

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ALLAHABAD: बाघराय में तीन लोगों को घायल करने वाले तेंदुए को आखिरकार दस घंटे बाद ¨पजरे में कैद कर लिया गया। इसके बाद क्षेत्र के लोगों ने राहत की सांस ली। बाघराय से उसे चिलबिला वन विभाग के कार्यालय लाया गया। शनिवार को तेंदुए को देखने के लिए लोग उमड़ पड़े।

तीन लोगों को कर चुका है घायल

बाघराय बाजार में शुक्रवार की दोपहर तेंदुए को देख लोगों में सनसनी फैल गई थी। लोगों ने उसे लाठी डंडा लेकर दौड़ाया तो तीन लोगों को घायल करते हुए तेंदुआ बाजार निवासी विनोद कुमार अग्रहरि के घर में घुस गया था। सूचना पर पहुंची पुलिस व वन विभाग की टीम ने सूचना शीर्ष अफसरों को दी। खबर मिलते ही डीएफओ वाईपी शुक्ला समेत सीओ सदर मौके पर पहुंचे। डीएफओं ने तेंदुआ को पकड़ने के लिए कानपुर से टीम बुलाई। साथ ही पिजरा मंगया। देर रात कानपुर से वेटनरी सर्जन डॉ। नासिर, वेटनरी असिस्टेंट अक्षय बजाज के साथ बाघराय पहुंचे। मकान की गैलरी में तेंदुए को घेर कर दरवाजे में होल किया गया। ट्रैंकुलाइजर गन में जाइलाजीन एवं वीटामिन दवा के माध्यम से तेंदुए को इंजेक्शन दिया गया। थोड़ी देर बाद जब तेंदुआ अचेत हो गया तो उसे पिंजरे में डालकर मुख्यालय लाया गया।

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दूसरे तेंदुए से आठ गांव में खौफ

बाघराय थाना क्षेत्र के रोर गांव निवासी शांति देवी शनिवार की भोर शौच गई थी। लोगों से बताया कि उसने गांव के बाहर जंगल में एक दूसरे तेंदुए को देखा। यह खबर छतार, मलावा छजईपुर, उमरा पट्टी, पवासी, बारों, त्रिलोकपुर समेत गांवों में फैलते ही लोगों में दहशत फैल गई। ग्रामीणों की सूचना पर वन क्षेत्राधिकारी शिव शंकर सिंह, वन विभाग से भइयाराम यादव, महरानीदीन, हरिश्चंद्र ने तेंदुए की खोज करना शुरू कर दी है। देर शाम तक वह किसी को नजर नहीं आया।