डीएम के अर्दली गोविंद प्रसाद के कंपाउंडर बेटे का शव मिला

- दौराला पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर शुरू की जांच पड़ताल

Meerut: मोदीपुरम स्थित एक हॉस्पिटल में उस समय सनसनी फैल गई जब जिलाधिकारी मेरठ के अर्दली के बेटे की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मौत की सूचना के बाद मौके पर पहुंचे परिजनों ने नर्सिग होम संचालकों पर हत्या का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा।

क्या है मामला

अम्हेड़ा रोड स्थित ईशापुरम निवासी फ्ख् वर्षीय दीपक पुत्र गोविंद मोदीपुरम स्थित ओम मेडिकल सेंटर में पैरामेडिकल स्टाफ में कार्यरत था। शुक्रवार रात क्क्.फ्0 बजे वह खाना खाकर नर्सिग होम के तीमारदारों के बैठने के लिए बने केबिन में सोया था। सुबह नौ बजे जब केबिन का दरवाजा नहीं खुला तो सफाईकर्मी शर्बती दरवाजा खटखटाते हुए अंदर घुसी। सोफे में लेटे दीपक कोझकझोरने के बाद भी जब कुछ हरकत नहीं हुई तो उसने शोर मचाया। दीपक के अकड़े हुए शरीर को देखकर मौके पर पहुंचे नर्सिग होम के स्टाफ में अफरातफरी मच गई। सूचना पर सुबह दस बजे नर्सिग होम पहुंचे पिता गोविंद मां सुनीता और पत्‍‌नी पुष्पा और भाई विपिन मौके पर पहुंचे। मृतक दीपक को देखते ही परिजनों में कोहराम मच गया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेते हुए पोस्टमार्टम के लिए भेजा।

हत्या की गई है बेटे की

अपने बेटे का शव देखकर गोविंद के होश उड़ गए। शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाते वक्त वह चक्कर खाकर नीचे गिर गए। होश में आने के बाद उन्होंने आरोप लगाया कि उनके बेटे की हत्या की गई है, अगर बेटे की तबियत खराब थी तो रात में ही क्यों नहीं सूचित किया। उन्होंने अस्पताल संचालक के इस दावे को भी गलत बताया कि दीपक की मौत हार्ट अटैक से हुई है। उन्होंने बताया कि अगर तबियत खराब थी तो कम से कम उपचार तो किया जाना चाहिए। परिजनों ने काफी देर तक हंगामा किया।

नीले पड़े थे हाथ

गोविंद ने बताया कि मृतक दीपक की उंगलियां नीली पड़ी थी और कपड़े टंगे हुए थे। इतनी सर्दी में कपड़े निकालकर सोना संदेह पैदा करता है। उन्होंने बताया कि नर्सिग होम के स्टाफ ने पुलिस को भी सूचित नहीं किया। यही नहीं जिलाधिकारी कार्यालय से फोन करवाने के बाद पुलिस पहुंची। उन्होंने अस्पताल स्टाफ पर संदेह व्यक्त करते हुए साजिशन हत्या की बात कही है। मृतक दीपक के दो बेटे पार्थ (क्0) और रुद्र (8)हैं।

अपने काम में दक्ष था दीपक

दीपक लगभग एक वर्ष पूर्व से ओम मेडिकल सेंटर में काम कर रहा था। पूरे समय वही अस्पताल संभालता था। पैरामेडिकल कर्मचारी के रूप में वह अपने काम बहुत दक्ष था। गत पंद्रह साल से वह इस फील्ड में था। दिन रात काम में लगे होने के चलते एक एक माह में वह घर नहीं जाता था। जिस पर कई बार चिकित्सकों ने उसे टोका भी था। डॉ। परवीर ने बताया शहर के कई नामी नर्सिग होम में वह काम कर चुका था।

ओवर डोज हो सकती कारण

नर्सिग होम में कार्य करने वाले पैरामेडिकल स्टाफ को वरिष्ठ चिकित्सकों के साथ कार्य करते रहने से दवाओं और उनके असर के बारे अच्छी जानकारी होती है। बताया जाता है थकान आदि मिटाने के लिए स्टाफ दवाओं का भी सहारा लेते हैं। दवाओं की ओवर डोज भी मौत का कारण हो सकती है।