घर में खड़ी रख रहे हैं कार

सिटी में डेली व्हीकल्स की तादाद बढ़ रही है और पार्किंग स्पेस छोटे होते जा रहे हैैं। साकची, बिष्टुपुर और जुगसलार्ई जैसे मार्केट एरियाज में तो पार्किंग की जगह ढूंढना एवरेस्ट पर चढऩे जैसा हो गया है। पार्किंग की इस प्रॉब्लम ने लोगों को इतना डरा दिया है कि लोग अब अपनी कार को घर में ही खड़ी रखना ज्यादा बेहतर समझ रहे हैैं। गवर्नमेंट द्वारा सिटी में कहीं भी पार्किंग का प्रॉपर इंतजाम नहीं किया गया है। कई जगहों पर तो रोड को ही पार्किंग का रूप दे दिया गया है। इन टेम्परॉरी पार्किंग में भी केवल कुछ ही गाडिय़ां पार्क करने की व्यवस्था है। ऐसे में ज्यादातर लोगों को मजबूरी में नो पार्किंग जोन में कार पार्क करना पड़ता है। और अगर नो पार्किंग जोन में कार पकड़ी गई, तो हेवी फाइन चुकाना पड़ता है।

 ढूंढ लिया solution

दिन पर दिन बढ़ रही इस प्रॉब्लम से तंग आकर आखिरकार लोगों ने इसका सॉल्यूशन भी ढूंढ लिया है। भीड़भाड़ वाले मार्केट्स में जाने के लिए लोग अपनी कार की बजाय रेंटल कार यूज कर रहे हैैं। फैमिली के साथ शादी की मार्केटिंग करने साकची आए सिद्धार्थ बताते हैैं कि पार्किंग स्पेस ढंूढने से बेहतर है कि कुछ पैसे खर्च कर रेंटल कार हायर कर लें। बिष्टुपुर स्थित श्री साईं ट्रेवल्स के ओनर अजय शर्मा बताते हैैं कि हमारे पास कई ऐसे कस्टमर आते हैैं जिनके पास अपनी कार होती है पर मार्केटिंग जैसे कामों के लिए वो रेंट पर कार की डिमांड करते हैैं। पार्किंग की प्रॉब्लम को इन्होंने इसकी सबसे बड़ी वजह बताई। कई ऐसे लोग भी हैैं जो ड्राइविंग जानने के बावजूद रेंट पर ड्राइवर ले आते हैं।

Travel agencies की हुई चांदी

पार्किंग की इस प्रॉब्लम ने एक तरफ जहां पब्लिक की मुश्किलें बढ़ा दी हैैं, वहीं ट्रेवेल एजेंसीज जमकर इसका फायदा उठा रहे हैं। प्रॉब्लम से बचने के लिए ज्यादातर लोग रेंट पर कार लेना बेहतर समझ रहे हैैं। अजय शर्मा ने बताया कि डेली आने वाले कस्टमर्स से करीब 20 परसेंट लोग सिर्फ मार्केटिंग के लिए कार हायर करते हैैं। सबसे ज्यादा डिमांड इंडिका और इंडिगो कार की होती है। इनका रेंट दिन भर का करीब एक हजार से लेकर बारह सौ तक रुपए है।

सिटी में पार्किंग एक बड़ी प्रॉब्लम है। मार्केट एरियाज में तो कार पार्क करना सिर दर्द है। कई बार फैमिली के साथ मार्केटिंग के लिए जाना हो ते खुद की कार से बेहतर रेंटल कार से जाना लगता है।

नीरज श्रीवास्तव, साकची

जेंट्स तो किसी तरह काम चला लेते हैैं, पर महिलाओं के लिए कार पार्क करना और भी बड़ी प्रॉब्लम है। कई बार बाहर जाने के लिए रेंट पर कार लेना ही मुनासिब लगता है।

विमल, साकची