-मंडलीय हॉस्पिटल में स्टैंड में बाइक रखने पर वसूल रहे दस रुपये, जबकि इलाज की फीस है एक रुपये

-स्टैंड संचालक रेट लिस्ट मिटाकर मरीजों से वसूल रहे हैं दोगुना पैसा

1ड्डह्मड्डठ्ठड्डह्यद्ब@द्बठ्ठद्ग3ह्ल.ष्श्र.द्बठ्ठ

ङ्कन्क्त्रन्हृन्स्ढ्ढ

एसएसपीजी मंडलीय हॉस्पिटल कबीरचौरा में इलाज कराने के लिए मात्र एक रुपये की पर्ची कटानी पड़ती है। एक रुपये में आपका संपूर्ण इलाज यहां संभव होता है। मगर यहां के स्टैंड में बाइक-स्कूटी व साइकिल खड़ी करने के लिए पांच से दस रुपये जेब से देने पड़ते हैं। एक ही कैंपस में दो स्टैंड संचालित हो रहे हैं, बाकायदा पर्ची भी काटी जाती है मगर स्टैंड में रेट लिस्ट नदारद है। मर्चरी रूम के तरफ स्टैंड का बोर्ड लगाया गया है लेकिन बोर्ड पर दर्ज साइकिल व बाइक रखने पर लिए जाने वाले रेट को सफेदा मारकर मिटा दिया गया है। ताकि पांच के बदले दस और दस के बदले पंद्रह रुपये अस्पताल में आने जाने वालों से वसूला जा सके। नगर निगम से मान्य दोनों स्टैंड पर रेट लिस्ट नहीं होने को लेकर आए दिन संचालकों व तीमारदारों में तकझक भी होती है।

पहले स्टैंड फीस फिर पर्ची

मंडलीय हॉस्पिटल में मेन गेट से अंदर एंट्री करते ही साइकिल-बाइक स्टैंड संचालित होता है। पेशेंट्स व तीमारदार चेकअप के लिए एक रुपये की पर्ची कटाने से पहले स्टैंड में बाइक-साइकिल रखने के लिए पर्ची कटाते हैं। उसके बाद ओपीडी में चेकअप के लिए जाते हैं। खास बात यह है कि एक ही कैंपस में दो स्टैंड चल रहे हैं। एक एमएस ऑफिस के बाहर व दूसरा पेयजल बूथ के ठीक सामने। ऐसा कई सालों से चल रहा है।

गुर्गे लग जाते हैं पीछे

पूर्वाचल के साथ ही बिहार के पेशेंट्स इलाज कराने के लिए मंडलीय हॉस्पिटल में पहुंचते हैं। डेली लगभग हजार से पंद्रह सौ पेशेंट्स का रजिस्ट्रेशन ओपीडी में चेकअप कराने के लिए होता है। इनमें से अधिकतर पेशेंट्स बाइक व साइकिल से ही हॉस्पिटल आते हैं। गेट से एंटर करते ही स्टैंड संचालकों के गुर्गे तीमारदार को वाहन स्टैंड में जमा कराने के लिए पीछे लग जाते हैं। इसे लेकर कई बार मारपीट की घटनाएं भी हो चुकी हैं।

साइकिल-बाइक स्टैंड की कम्प्लेन मुझे भी मिली है, इसे लेकर तहकीकात भी कर रहा हूं। रेट लिस्ट में गड़बड़ी दूर कराई जाएगी।

डॉ। अरविंद सिंह

एमएस

एसएसपीजी मंडलीय हॉस्पिटल

कबीरचौरा