- स्पीकर्स के 77वें सम्मेलन में लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने की अध्यक्षता

- विधानसभा सदस्यों को दी शांतिपूर्वक माहौल में विकास कार्य करने की दीक्षा

LUCKNOW: पब्लिक अब समझदार हो गयी है। वह अपने प्रतिनिधि पर बारीक निगाह रखने लगी है और उसे जवाब चाहिए होता है। ऐसे में हम सबकी जिम्मेदारी बनती है कि अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करें। यह बातें शनिवार से शुरू हुए स्पीकर्स के 77वें सम्मेलन में लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने की। महाजन विधानसभा मंडप में आयोजित स्पीकर्स के 77वें सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहीं थीं।

बदल गई है जनता की सोच

उन्होंने कहा कि अब जनता सदन की कार्यवाही को भी गंभीरता से देखने लगी है। वह इस पर भी नजर रखती है कि कौन सा सदस्य या दल सदन की कार्यवाही में क्या भूमिका निभा रहा है। लोग जागरूक हो गये हैं। वोट पाने के लिए सिर्फ वादों से नहीं उन्हें काम करके दिखाना पड़ेगा।

पेपरलेस बनायें विधानसभा

एजेंडे के बारे में जिक्र करते हुए सुमित्रा महाजन ने कहा कि पर्यावरण को देखते हुए अधिक से अधिक टेक्निक का सहारा लेकर विभागों को पेपरलेस बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अब विधायकों के पास भी लैपटॉप और आईपैड होते हैं। उन्हें भी पेपर का कम से कम यूज करना चाहिए।

सदन की कार्यवाही हंगामा रहित कैसे हो?

सुमित्रा महाजन ने कहा कि सदन की कार्रवाई में हंगामा लगभग सभी स्पीकर्स की परेशानी होती है। यह समस्या सबके साथ होती है। उन्होंने इंदौर के एक व्यक्ति का जिक्र किया कि जो उनसे वेल में आने वालों के खिलाफ एक्शन लेने की बात कर रहा था। उन्होंने कहा कि वेल में आना गलत है। अब हर जगह कैमरे लगे हुए हैं। ऐसे लोगों पर निष्कासन की स्वत: कार्रवाई होनी चाहिए। इसका सुझाव अब पब्लिक की ओर से भी आने लगा है। उन्होंने कहा कि ऐसे में लोगों के खिलाफ कार्रवाई इसलिए नहीं हो पाती क्योंकि विधानसभा स्पीकर हो या लोकसभा स्पीकर दोनों सदन से ही चुनकर आता है। इसलिए कोई कार्रवाई नहीं हो पाती। उन्होंने कहा कि स्पीकर धैर्य से काम लेता है। सदस्यों को समझा-बुझाकर सदन की कार्यवाही को आगे बढ़ाता है।

वेस्ट एमएलए एवॉर्ड मिलना चाहिए

सुमित्रा महाजन ने कहा कि लोकसभा में फ्क्भ् ऐसे नये सांसद हैं जो पहली बार चुनकर आये हैं। उन्होंने कहा कि मैं सदस्यों से कहती हूं कि ऐसा आचरण करें जिससे नये सदस्यों को कुछ सीखने को मिले। उन्होंने कहा कि इसके लिए लोकसभा में बेस्ट सांसद का एवॉर्ड दिया जाता है। इसी तरह से विधायकों में भी होना चाहिए।

विकास कार्यो में विधानसभा और लोकसभा की हो भूमिका

सुमित्रा महाजन ने कहा कि प्रदेश और राज्य में सरकारें अलग-अलग होने से कोई मतलब नहीं है। क्योंकि, कोई भी सरकार विकास कार्यो की विरोधी या खिलाफ नहीं हो सकती है। इसमें विधानसभा और लोकसभा किस तरह योगदान दे सकती है, इस पर चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि स्पीकर्स किसी दल का नहीं होता है वह सभी सदस्यों का संरक्षक होता है। उसकी जिम्मेदारी है कि खासतौर पर नये सदस्यों को विकास के रास्ते पर ले जाये। उन्होंने कहा कि पहले मैं भी सिर्फ एक मेंबर थी लोग कहते थे कि सुमित्रा अच्छा बोलती है। अखिलेश यादव को भी पहले लोग सिर्फ एक मेंबर के तौर पर सुनते थे। लेकिन, अब जिम्मेदारियां बढ़ गयीं हैं। लोगों को अपेक्षाएं हैं। लोकसभा स्पीकर होने के नाते मेरा दायित्व बनता है कि सबकी बात निष्पक्ष तरीके से सुनूं।

सीएम की तारीफ की

इस मौके पर लोकसभा स्पीकर ने यूपी के सीएम अखिलेश यादव की तारीफ के पुल बांधे। उन्होंने कहा कि सीएम युवा हैं, वह टेक्निक का सहारा लेते हैं और चीजों को बेहतर कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अखिलेश ने हमारे साथ लोकसभा में भी काम किया। उन्होंने विधानसभा स्पीकर माता प्रसाद पांडेय की भी तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने कम समय में और आगे आकर इस आयोजन को भव्य बनाया है। इसके लिए वह बधाई के पात्र हैं।

बॉक्स बॉक्स

लखनऊ की मेहमाननवाजी का जवाब नहीं

सीएम और स्पीकर के बाद लोकसभा स्पीकर ने भी लखनऊ की तारीफ की उन्होंने कहा कि यहां की तहजीब और मेहमाननवाजी दुनिया भर में मशहूर है। आप लोग एक दिन पहले से आये हुए हैं और महसूस भी कर रहे होंगे। उन्होंने कहा कि यूपी ने कई राष्ट्र स्तर के नेता दिये हैं। कई प्रधानमंत्री दिये हैं। उन्होंने कहा कि हर समय पॉलिटिक्स नहीं होती।

बेहतर बनायेंगे व्यवस्था

सम्मेलन में सुमित्रा महाजन ने कहा कि प्रीसाइडिंग की प्रॉब्लम तो सभी प्रदेशों की एक जैसी होंगी। लेकिन, कुछ चीजें अलग भी होंगी जो चर्चा के दौरान सामने आएंगी। हम सबके विचार सुनेंगे। उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन से क्या हासिल होता है यह महत्वपूर्ण है। इसका फॉलोअप भी होना चाहिए। हम इसके लिए एक छोटी कमेटी बनायेंगे जो प्रदेशों की समस्याओं पर न सिर्फ फॉलोअप करे बल्कि परेशानियों का समाधान भी हो। इस सम्मेलन में सीएम अखिलेश यादव ने भी हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश विकास के पथ पर है। स्पीकर का पद काफी धैर्य वाला होता है। कई बार ऐसे मौके आते हैं जब कई सदस्यों को धैर्य जवाब दे जाता है। लेकिन स्पीकर काफी धैर्य से काम लेते हैं।