-ट्रेनों में यात्रियों को दो से ढाई गुना दामों पर बेचा जा रहा है पानी

-सेंट्रल में ट्रेनों में अवैध तरीके से पहुंचाई जा रही पानी की बोतलें

-ट्रैक किनारे से खाली बोतलों को एकत्र कर यात्रियों को दोबारा बेची जा रही बोतलें

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KANPUR : ट्रेनों में पानी की बोतलों की ब्रिकी में होने वाले मुनाफे के खेल ने पेंट्रीकार से रेलनीर व ब्रांडेड पानी की बोतलें गायब कर दी हैं। सेंट्रल स्टेशन में खुलेआम रेलवे कॉन्ट्रेक्टर व दलाल दिल्ली हावड़ा की रूटीन व लम्बी दूरी की ट्रेनों की पेंट्रीकार में लोकल कंपनी का पानी व बर्फ चढ़ा रहे हैं। हैरत की बात तो यह है कि यह गोरखधंधा सेंट्रल स्टेशन में खुलेआम चल रहा है और उस पर कार्रवाई करने वाला कोई नहीं है।

लोकल पानी में दो से ढाई गुना मुनाफा

सेंट्रल में कार्यरत एक दलाल ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि लोकल पानी की बोतल 6:15 रुपए की पड़ती है। जिसको ठंडा करने में लगने वाली बर्फ का 1 रुपए व लोडिंग, अनलोडिंग का भाड़ा 1 रुपए लगाकर पूरी बोतल 8:15 पैसे की पड़ती है। जोकि ट्रेनों में खुलेआम यात्रियों को पंद्रह से बीस रुपये में बेची जा रही है।

फेंकी गई बोतलों में भर देते पानी

सोर्सेज की मानें तो रेलवे ट्रैक किनारे यात्रियों द्वारा पानी की बोतल यूज कर फेंकी गई बोतलों को बिन कर दोबारा उसमें पानी भर सेंट्रल में यात्रियों को बेची जा रही हैं। सोर्सेज ने यह भी बताया फेथफुलगंज स्थित एक मकान में कारखाना लगा पुरानी बोतलों में पानी भर मशीन से नई सील लगा उसे बेचने लायक बनाया जाता है।

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इस प्रकार करें नकली की पहचान

रेलवे के बड़े अधिकारी ने बताया कि कंपनी के ब्रांडेड पानी की बोतल में लगे ढक्कन में भी कंपनी का नाम लिखा होता है। वहीं नकली पानी की बोतल में तो ब्रांडेड कंपनी का नाम लिखा होगा, लेकिन उसके ढक्कन में ब्रांड का नाम नहीं लिखा होगा। साथ ही बोतल के ढक्कन में जरा सी ताकत लगाने पर वह आसानी से निकल भी अाता है।

इन ट्रेनों में चढ़ाया जाता माल

सोर्सेज की मानें तो कालका, टाटा जम्मूतवी, पारसनाथ एक्सपे्रस, नॉर्थईस्ट, राप्तीसागर, लखनऊ एलटीटी, पुष्पक एक्सपे्रस समेत दर्जनों ट्रेनों में पेंट्रीकार के कॉन्ट्रेक्टर पानी के साथ अनाधिकृत माल भी चढ़ाते हैं। जिसको कोई देखने वाला नहीं है।

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मामले की जानकारी मेरे पास नहीं है। अगर ऐसा है तो मामले की जांच करा कॉन्ट्रेक्टर का लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा। इस धंधे में जुड़े सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

-विजय कुमार, सीपीआरओ, एनसीआर।