-अप-डाउन ट्रैक रहा ठप

- सिराथू के अटसरांय में अप मूरी की बोगी पटरी से उतर जाने का असर ट्रैक पर

- नार्थ ईस्ट, महानंदा, डाउन मूरी, कालका, हावड़ा जोधपुर ट्रेन जहां की तहां रही खड़ी

FATEHPUR:

सिराथू के अटसरांय स्टेशन के पास दोपहर अप मूरी ट्रेन के डिब्बे पटरी से उतर जाने का असर फतेहपुर आदर्श स्टेशन में भी देखने को मिला। दिल्ली-हावड़ा रूट की अप व डाउन लाइन ठप करवाकर रेलवे अफसर व पुलिस घटनास्थल के लिए रवाना हो गए। यहां मुसाफिर ट्रेनों के टिकट वापस करने को लेकर काउंटर में भीड़ लगाकर हंगामा काटते रहे, क्योंकि टिकट बाबू ने यह कह दिया था कि इलाहाबाद हेड क्वार्टर से अफसरों का आदेश आने के बाद ही टिकट वापस होंगे। काफी देर तक हंगामा होने पर कैशियर ने शाम को टिकट वापस करने का आश्वासन दिया, तब जाकर मुसाफिर शांत हुए।

सूचना मिलते ही अधिकारी रवाना

दोपहर 2.08 पर अटसरांय पर मूरी ट्रेन का हादसा होते ही स्टेशन अधीक्षक आरएल प्रसाद, आरपीएफ कम्पनी कमाण्डर रामबहादुर, उपनिरीक्षक आरके गुप्ता, एसआई यतेंद्र कुमार, जीआरपी एसओ खुर्शीद अंसारी के साथ रेलवे तकनीकी विभाग के इंजीनियर व कर्मचारी सवा दो बजे निजी वाहनों से सिराथू रवाना हो गए। दिल्ली हावड़ा रूट की अपडाउन लाइन 2.10 पर ब्लॉक कर दी गई। ट्रेनों का आवागमन ठप होने से स्टेशन में सन्नाटा पसर गया। नाथईस्ट, कालका, महानंदा, हावड़ा जोधपुर, डाउन मूरी जहां की तहां आउटर पर खड़ी रहीं।

परेशान हो गए पैसेंजर्स

आदर्श स्टेशन के टिकट काउंटर पर खड़े मुसाफिर विश्राम, राजेश, राजू, अवधेश, विमल सिंह आदि का कहना था कि उन्हें मूरी से लुधियाना, पंजाब जाना था, क्योंकि वहां पर वह ठेके में खेतों को लेकर जुताई बुआई करवाते हैं। लेकिन मूरी ट्रेन का हादसा हो जाने से उनके टिकट वापस नहीं किए जा रहे हैं। जम्मू जाने के लिए खड़ी महिला सरोज देवी का कहना था कि टिकट वापस न होने पर वह लौट जाएंगी, क्योंकि कोई ट्रेन आ ही नहीं रही है। चंडीगढ़ जाने के लिए खड़े राजू का कहना था कि उसने दोपहर 12 बजे ट्रेन का टिकट ले लिया था, लेकिन ट्रेन भी नहीं आई और टिकट भी वापस नहीं हो रहा है।

आश्वासन पर शांत हुए पैसेंजर्स

काफी देर बाद मुसाफिरों ने टिकट वापसी को लेकर हंगामा काटना शुरू कर दिया, क्योंकि टिकट खिड़की से बाबू नदारत थे और दरवाजा बंद था। जिस पर कैशियर ने आश्वासन दिया कि देर शाम टिकट वापस कर लिया जाएगा। अभी कम्प्यूटर का सरवर डाउन हो गया है तब जाकर यात्री शांत हो गए।