वर्षो से चल रही रस्साकशी, पर नतीजा सिफर

- कई मंत्री आए और चले गए, पर न इसका एक्सपैंशन हो पाया-न ही शिफ्टिंग

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PATNA: सेंट्रल सिविल एविएशन मिनिस्टर शहनवाज हुसैन ने नौ सितंबर 2002 को कहा था कि पटना एयरपोर्ट बंद नहीं होगा। इसके रनवे एक्सपैंशन के लिए बिहार सरकार जमीन मुहैया करवाएगी और उसका पैसा सेंट्रल गवर्नमेंट देगा। शहनवाज ने कहा था कि इस इनिनिशएटिव के बाद जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा देश का सबसे बेहतर एयरपोर्ट बन जाएगा। गौरतलब है कि उस वक्त स्टेट गवर्नमेंट को आगाह किया गया था कि अगर एयरपोर्ट का एक्सपैंशन नहीं किया गय या यहां से नहीं शिफ्ट किया गया, तो पैसेंजर्स की सिक्योरिटी को देखते हुए सेंट्रल गवर्नमेंट इसे बंद करवा देगा।

जू के पेड़ भी काटे गए थे

गौरतलब है कि तत्कालीन सिविल एविएशन के डीजी एचएस खोसला ने बिहार सरकार पर आरोप लगाया था कि स्टेट गवर्नमेंट एयरपोर्ट मामले पर हेल्प नहीं कर रही है। ऐसे में हमें पैसेंजर्स की सिक्योरिटी के मद्देनजर एयरपोर्ट को बंद ही करना पड़ेगा। तब डिपार्टमेंट की ओर से यह भी दलील दी गई थी कि एयरपोर्ट के बगल में स्थित संजय गांधी बोटैनिकल गार्डेन के बड़े-बड़े पेड़ सेफ उड़ान में बाधक बन रहे हैं। यहां के रवने की लंबाई 5097 फीट ही है, इसलिए पायलट को लैंडिंग में प्रॉब्लम होती है। इस पर तत्कालीन सीएम राबड़ी देवी ने कहा था कि अगर जू के पेड़ फ्लाइट की लैंडिंग में बाधक बन रहा है, तो हम दो हजार पेड़ कटवा देंगे। उस समय पूर्व केंद्रीय उड्डयन मंत्री शरद यादव और स्टेट गवर्नमेंट के बीच एक मीटिंग भी आयोजित हुई थी, जिसमें एयरपोर्ट को बिहटा शिफ्ट करने की रणनीति पर बात की गई थी। स्टेट गवर्नमेंट ने इसके लिए प्रस्तावित एयरपोर्ट से पटना तक 25 किलोमीटर की सड़क बनवाने पर राजी हो गया था। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पटना एयरपोर्ट के एक्सपैंशन के लिए 2002 में 5.4 करोड़ रुपए की सहायता देने की घोषणा की थी और इस पैसे से छह एकड़ जमीन लेने की बात कही गई थी, ताकि प्लेन की सेफ लैंडिंग हो सके।

दस साल में पांच गुना पैसेंजर्स

केंद्रीय मंत्री (स्किल डेवलपमेंट व एंटरपे्रन्योरशिप) स्वतंत्र प्रभार राजीव प्रताप रूडी ने इस साल नौ अप्रैल को बिहटा एयरपोर्ट के एक्पैंशन व कॉमर्शियलाइजेशन की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि पटना एयरपोर्ट अपने वर्तमान स्वरूप में ज्यादा पैसेंजर्स की आवाजाही में सक्षम नहीं है और इसका यहां विस्तार भी नहीं हो सकता। उन्होंने आंकड़ों के साथ बताया था कि ख्00भ्-0म् में जहां पटना एयरपोर्ट से ख्.क्8 लाख पैसेंजर्स का आना-जाना हुआ था, वहीं अब यह संख्या दस लाख तक पहुंच गई है। इसलिए पटना एयरपोर्ट की स्थिति को लेकर हमें गंभीरता दिखानी होगी।