कलाई में फ्रैक्चर के मरीज को लगाया इंजेक्शन, थोड़ी देर बाद मरीज की मौत

परिजनों का रोड पर जाम, दो थानों की पुलिस मौके पर, जान के बदले मांगी जान

BAREILLY:

मेडिकल हब बरेली में इलाज के दौरान एक और मरीज की मौत से डॉक्टर व जनता के बीच का नाजुक रिश्ता कलंकित हो गया। चौपुला रोड स्थित मुखर्जी हॉस्पिटल में थर्सडे दोपहर एक मरीज की अचानक मौत के बाद हंगामा हो गया। परिजनों का आरोप है कि हॉस्पिटल में इलाज के दौरान पहले तो मरीज को गलत इंजेक्शन लगाया गया, जिससे उसकी मौत हो गई। फिर हॉस्पिटल प्रशासन ने मौत की जानकारी देने की बजाय उसे छिपाया। नाराज परिजनों ने अयूब खां चौक से चौपुला जाने वाली रोड पर जाम लगा दिया। हंगामे पर पहुंची प्रेमनगर और कोतवाली थाना की पुलिस को भीड़ को काबू करने में जद्दोजहद करनी पड़ी। दोपहर तीन बजे से शुरू हुआ हंगामा रात 8 बजे तक जारी रहा। इस दौरान घटना की कवरेज कर रहे कुछ इलेक्ट्रॉनिक मीडियाकर्मियों से भी आरोपी डॉ। एक मुखर्जी ने बद्तमीजी की और धक्का दिया।

आराम का इंजेक्श्ान बना मौत

करगैना निवासी मकसूद अहमद उम्र 40 साल बड़ा बाजार में फर्नीचर का काम करता है। उसकी वाइफ परवीन व 6 बच्चे हैं। भतीजे ओवेश अंसारी के मुताबिक थर्सडे को वह बड़ा बाजार में काम कर रहा था, अचानक एक स्टूल से गिरने पर उसकी कलाई में फ्रैक्चर हो गया। घर का मालिक मकसूद को मुखर्जी हॉस्पिटल इलाज के लिए ले गया। परिजनों का आरोप है कि करीब दो बजे ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ। एसके मुखर्जी ने उसे फ्रैक्चर का इलाज देकर दर्द से आराम के लिए एक इंजेक्शन लगाया। लेकिन इंजेक्शन लगाने के बाद मकसूद की मौत हो गई।

बात खत्म करो, बॉडी ले जाओ

परिजनों का आरोप है कि मरीज की मौत हो जाने के बावजूद हॉस्पिटल प्रशासन ने उन्हें इसकी जानकारी छिपाई। परिजनों ने बताया कि मकसूद के साथ काम करने वाले साथी कारीगर सद्दाम ने उन्हें घटना की जानकारी दी। करीब 4 बजे परिजन हॉस्पिटल पहुंचे और विरोध जताया। भतीजे ओवेश का आरोप है कि डॉ। एसके मुखर्जी ने परिजनों से मामले को तूल न देने को कहा। साथ ही बोले कि 'जो हुआ, धोखे से हुआ, अब बात खत्म करो और बॉडी वापस ले जाओ'। डॉ। मुखर्जी के इस रवैये पर परिजन भड़क उठे और हंगामा शुरू कर दिया।

हॉस्पिटल में लगाएंगे आग

कलाई के फ्रैक्चर के इलाज के लिए गए मकसूद की इंजेक्शन लगते ही मौत से परिजनों संग अन्य लोग भी भड़क गए। परिजनों संग भीड़ बेहद आग बबूला हो गई। भीड़ ने पुलिसफोर्स से मरीज की मौत पर डॉ। मुखर्जी को उनके हवाले किए जाने की मांग की। भीड़ जान के बदले जान की तर्ज पर डॉक्टर को मार डालने और हॉस्पिटल में आग लगा देने की चेतावनी दे रही थी। ऐसे में बवाल की गंभीरता को देखते हुए पुलिस फोर्स ने हॉस्पिटल की सुरक्षा कड़ी कर दी। वहीं आईएमए प्रेसीडेंट डॉ। रवीश अग्रवाल समेत अगले प्रेसीडेंट डॉ। जेके भाटिया व अन्य आईएमए पदाधिकारियों ने पुलिस अधिकारियों संग चर्चा की।

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