- प्रतापगढ़ से आई मरीज को नहीं दिया जा सका वेंटीलेटर

- परिजनों ने लगाया समय पर इलाज न देने का आरोप

LUCKNOW: केजीएमयू के क्वीन मेरी अस्पताल में मरीज को वेंटीलेटर और समय से इलाज न मिल पाने पर एक सात माह की गर्भवती की जान चली गई। परिजनों ने आरोप लगाया कि गंभीर हालत के बावजूद डॉक्टरों ने समय से इलाज नहीं दिया। जिसके कारण ही मरीज की मौत हुई। जिसके बाद परिजनों ने खूब हंगामा किया। बाद में पुलिस के पहुंचने पर ही परिजन शांत हुए।

गंभीर हालत में आई थी मरीज

प्रतापगढ़ के रामसरन की पत्‍‌नी गुंजन सात माह की गर्भवती थी। इस दौरान उसे झटके आने शुरू हो गए जिसके बाद परिजनों ने स्थानीय डॉक्टर्स को दिखाया। जहां से उसे केजीएमूय रेफर कर दिया गया। परिजन शनिवार देर रात तीन बजे प्रसूता को लेकर क्वीन मैरी अस्पताल पहुंचे। इमरजेंसी कक्ष में डॉक्टर नहीं थी, जिसके कारण लगभग दो घंटे तक मरीज को भर्ती नहीं किया जा सका। मरीज को इलाज न मिलने के कारण वह इमरजेंसी के बाहर स्ट्रेचर पर इलाज के अभाव में पड़ी रही। डॉक्टर के आने के बाद उसे भर्ती किया गया और उसे लेबर रूम भेज दिया गया। उसकी बहन रूप भी उसके साथ थी। रूप ने बताया कि डॉक्टरों ने दवाएं और इंजेक्शन बाहर से मंगाए गए लेकिन उन्हे ंमरीज को नहीं दिया गया। जिसके कारण उसकी सांस तेज चलने लगी और हालत बिगड़ गई। लेकिन डॉक्अरों से इसे नजरअंदाज किया। कई घंटे बाद एक डॉक्टर आई उन्होंने मरीज को दवाएं दी, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। आरोप है कि इलाज के अभाव में रविवार दोपहर गर्भस्थ शिशु और महिला की ने दमतोड़ दिया था। परिजनों को इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने खूब हंगामा किया। बाद में पुलिस के समझाने पर परिजन शांत हुए।

कोट--

मरीज गुंजन सात माह की गर्भवती थी और उसका हाई बीपी के साथ सांस की दिक्कत और बेहोशी की हालत में पहुंची थी। उसे तुरंत वेंटीलेटर चाहिएथा लेकिन वेंटीलेटर खाली नहीं था। डॉक्टर्स की कोई लापरवाही नहीं है.,

डॉ। एसपी जैसवार, डीएमएस, क्वीन मेरी