- बीआरडी मेडिकल कॉलेज की घटना

- मरीज को मेडिसिन इमरजेंसी ले जा रहे थे तीमारदार

- अचानक बंद हो गई लिफ्ट, लिफ्टमैन ने लोगों को निकाला बाहर

GORAKHPUR: मरीजों की सेहत के साथ खिलवाड़ करने के अलावा बीआरडी मेडिकल कॉलेज के जिम्मेदार पब्लिक की सुरक्षा के प्रति भी लापरवाह हैं। यहां की लिफ्ट में शनिवार को घटी घटना ने ये बात एक बार फिर साबित कर दी है। मेडिसिन इमरजेंसी में मरीज को ले जाते वक्त अचानक लिफ्ट ने धोखा दे दिया। जिसके चलते मरीज और तीमारदार अंदर ही फंस गए। लिफ्ट अटकने से सांस की तकलीफ से जूझ रहे मरीज की हालत खराब हो गई। इस बीच आनन-फानन में लिफ्टमैन को सूचना दी गई। लिफ्टमैन ने काफी प्रयास कर किसी तरह लिफ्ट का दरवाजा खोल अंदर फंसे लोगों को बाहर निकाला।

मच गई चीख-पुकार

सिद्धार्थनगर जिले के पुराना नौगढ़ के रहने वाले 55 वर्षीय कमरुद्दीन को सांस की बीमारी है। परिजनों ने उन्हें पास के एक सरकारी अस्पताल में एडमिट करवाया। जहां डॉक्टर ने उनकी स्थिति देखते हुए मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। परिजनों नें उन्हें गुरुवार दोपहर ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया। डॉक्टर ने शनिवार को मेडिसिन इमरजेंसी भेज दिया। मरीज को स्ट्रेचर पर लेकर तीमारदार इमरजेंसी के लिए निकले। वे गायनिक वार्ड स्थित लिफ्ट से मरीज को दूसरी मंजिल पर ले जा रहे थे। इसी दौरान अचानक लिफ्ट बंद हो गई। अचानक लिफ्ट बंद होने से तीमारदार काफी घबरा गए। चीख पुकार सुन लिफ्ट के बाहर भीड़ जुट गई। आनन-फानन में जिम्मेदार भी पहुंच गए। अंदर फंसे तीमारदारों ने किसी तरह लिफ्ट में लगे मोबाइल नंबर से लिफ्टमैन को कॉल कर जानकारी दी। लिफ्टमैन ने पहुंच काफी मशक्कत के बाद किसी तरह लिफ्ट खोली। इस बीच लगभग 15 मिनट तक अंदर फंसे मरीज और तीमारदारों की सांसें अटकी रहीं।

गायब रहते हैं लिफ्टमैन

मेडिकल कॉलेज के नेहरू चिकित्सालय में तीन लिफ्ट लगी हैं। इनके लिए मेडिकल कॉलेज प्रशासन की ओर से लिफ्टमैन भी तैनात किए गए हैं। लेकिन ये लोग ज्यादातर समय ड्यूटी से गायब ही रहते हैं। इसे लेकर तीमारदार बीआरडी प्रशासन से शिकायत भी करते हैं लेकिन जिम्मेदारों की ओर से इस पर ध्यान नहीं दिया जाता। इस तरह की घटना होने पर सिर्फ लिफ्टमैन को हिदायत दे कोरम पूरा कर लिया जाता है।

पहले भी हो चुकी हैं घटनाएं

लिफ्ट के अचानक खराब होने की बीआरडी में ये पहली घटना नहीं है। इसके पहले भी सुरक्षा में चूक के चलते यहां ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं। यहां की लिफ्ट में दो बच्चों के फंसने का मामला काफी चर्चित हुआ था। इसके अलावा ओपीडी में जा रहे दो तीमारदार भी लिफ्ट के अंदर फंस गए थे। वहीं, रात के समय गायनिक वार्ड की लिफ्ट में एक तीमारदार के फंसने की घटना भी मेडिकल प्रशासन की लापरवाही दर्शा चुकी है।

वर्जन

लिफ्टमैन की तैनाती की गई है। अगर वे मौके पर नहीं रहते हैं तो गलत है। मामले की जांच कराई जाएगी।

- डॉ। एके श्रीवास्तव, एसआईसी नेहरू चिकित्सालय बीआरडी