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- मेडिकल कॉलेज के पैथोलॉजी वि5ाग की नई लैब में शुरू होनी थी जांच, कानपुर में अ5ाी तक इस जांच की सुविधा नहीं

- लैब बनने के साल 5ार बाद 5ाी शुरू नहीं हुई सुविधा, जांच से शुरुआती अवस्था में ही कैंसर का चल जाता है पता

KANPUR:

देश स्तर पर कैंसर से चल रही जंग में कानपुर का मेडिकल कॉलेज कदम से कदम मिलाकर चलने में फेल हो रहा है। लचर प्रबंधन और निर्णय के अभाव में कैंसर पेशेंट्स की मुश्किलें कम नहीं हो पा रही हैं। दरअसल, कैंसर का शुरुआती स्टेज में ही पता लगा सकने वाली कैंसर मार्कर जांच एक साल बाद भी मेडिकल कॉलेज में शुरू नहीं हो सकी.कॉलेज कैंपस में ही बनी नई लैब में इस जांच को शुरू किया जाना था, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। इस सुविधा के शुरू न हो पाने के पीछे कई वजहें बताई गईं। शासन से मिलने वाली मदद के रुकने से लेकर, नए ब्लड बैंक ब्लॉक का निर्माण, विभागीय खींचतान इनमें से प्रमुख वजहें हैं।

नई लैब में होनी थी जांच

कैंसर मार्कर जांच को पैथोलॉजी की एमिनोहिस्ट्रो केमेस्ट्री विंग के तहत शुरू होना था। इसके लिए तत्कालीन डीजीएमई डॉ.वीएन त्रिपाठी को प्रस्ताव भी भेजा गया था। कॉलेज कैंपस की ही नई बिल्डिंग में लैब भी तैयार हो गई,लेकिन उसके बाद काम रुक गया। इस जांच के फायदों के बारे में हेड प्रो। महेंद्र सिंह ने बताया कि टिश्यू बेस्ड इनवेस्टिगेशन में कैंसर का बेहद शुरुआती स्टेज में पता लगाया जा सकता है। लखनऊ में होने वाली जांच में अभी भी 10 से 15 दिन की वेटिंग होती है। इस वजह से कई बार कैंसर एडवांस स्टेज में भी पहुंच जाता है।

अभी कैंसर के लिए ये जांच हैं-

काल्पोस्कोपी, पैपस्मियर, स्पेकूयलोस्कोपी, बायोप्सी, एफएनएसी, जेनेटिक जांच, पेट स्कैन।

कैंसर मार्कर में ये है खास-

यह जांच पैथोलॉजी की एमिनोहिस्ट्रो केमेस्ट्री के तहत होती है। जिसमें टिश्यू को निकाल कर उसमें स्पेशल स्टैंडर्ड स्टेन डाला जाता है उसके बाद माइक्रोस्कोप से जांच की जाती है। माइक्रो एनालाइजर से कैंसर का पता लगाया जाता है।

कानपुर में नहीं होती जांच

फिलहाल कानपुर में किसी सरकारी या प्राइवेट संस्थान में कैंसर मार्कर जांच की सुविधा नहीं है। लखनऊ में तीन सरकारी संस्थानों एसजीपीजीआई, केजीएमयू और आरएमएल में यह जांच 500 से 1500 रुपए में होती है। जबकि बड़ी प्राइवेट पैथोलॉजी में यह जांच 4 से 6 हजार रुपए में होती है।

वर्जन-

कुछ तकनीकी व संसाधन संबंधी दिक्कतों की वजह से कैंसर मार्कर जांच अभी तक शुरू नहीं हो सकी है। अभी ब्लड बैंक का नई बिल्डिंग में ट्रांसफर कराने का काम शुरू किया जा रहा है। मार्कर जांच के लिए भी जल्द प्रयास कर उसे शुरू कराया जाएगा।

-प्रो। महेंद्र सिंह, एचओडी, पैथोलॉजी विभाग