-हैलट के जीओटी पीओपी वार्ड में मरीजों की एक प्रॉब्लम के लिए कर दिए जाते हैं तीन से चार ऑपरेशंस

- सीनियर की गैरमौजूदगी में जेआर करते आपरेशन

-गलती होने पर दो से तीन बार काटने पड़ते हैं टांके

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KANPUR : एलएलआर (हैलट) हॉस्पिटल के सर्जरी और आर्थो विभाग के ओटी में आपरेशन कराने वाले पेशेंट का एक बार नहीं बल्कि दो से तीन बार ऑपरेशन किया जाता है। इसकी वजह यह हैं कि ये ऑपरेशन जूनियर डॉक्टर्स करते हैं। इसी के जरिए वह सर्जरी के गुर भी सीखते हैं। लेकिन सीखने में गलतियां भी होती हैं और उसका खामियाजा पेशेंट्स को भुगतना पड़ता है। इसके अलावा पोस्ट ऑपरेटिव वार्ड की खराब हालत की वजह से भी पेशेंट के टांके पकने और इंफेक्शन की शिकायतें बढ़ गई है।

सर्जरी के ओटी बनी जूनियर डॉक्टर्स की प्रयोगशाला!

हैलट के सर्जरी डिपार्टमेंट से जुड़ा हुआ ही ओटी भी है। ग्राउंड फ्लोर पर जर्नल सर्जरी होती है। जबकि फ‌र्स्टफ्लोर पर बनी ओटी में स्पेशलाइज्ड सर्जरी होती है। आमतौर पर दोनों ही ओटी में सीनियर डॉक्टर्स ही ऑपरेशन करते हैं लेकिन कई बार जेआर को भी मौका दिया जाता है। जेआर इस मौके का पूरा फायदा उठाते हैं। लेकिन इसी दौरान गलती भी होती है।

इनकी हालत सुधरने की बजाय और बिगड़ गई

कन्नौज निवासी इंद्रपाल का क्फ् अप्रैल को पैर का आपरेशन किया गया था। डिस्चार्ज होने के बाद वह फिर घर चले गए। कुछ दिन बाद वह घाव में इंफेक्शन हुआ और फिर हैलट में भर्ती होना पड़ा यहां पर डॉक्टरों ने उसके पैर का दो बार ऑपरेशन किया लेकिन फिर भी हालत में सुधार नहीं हुआ। अब तीसरी बार आपरेशन की तैयारी है।

- सफीपुर के कमलेश हैलट में एक महीने से भर्ती है। उसे हेड इंजरी हुई थी। दो बार टांके काट कर लगाए जा चुके हैं लेकिन हालत में कोई सुधार नहीं है। उनका कहना है कि सीनियर डॉक्टर देखने नहीं आते जेआर ही सारा इलाज करते हैं।

- शिवकटरा के सुनील के हाथ में चोट लगी थी। हैलट में चार दिन पहले भर्ती हुए दो बार ऑपरेशन हुआ लेकिन हालत में कोई सुधार नहीं है।

पोस्ट ऑपरेटिव वार्ड को खुद इलाज की जरूरत

हैलट के सर्जरी डिपार्टमेंट में बने पोस्टऑपरेटिव वार्ड में ऑपरेशन के बाद पेशेंट्स को ऑब्जर्वेशन पर रखा जाता है। लेकिन इन वार्डो की हालत ऐसी है कि यहां पेशेंट की हालत ठीक होने की बजाय और खराब हो जाती है। इस वार्ड में लगे सभी कूलर खराब हैं। हर तीमारदार अपने पेशेंट के लिए घर से टेबिल फैन लेकर आया है। शास्त्रीनगर के वेदप्रकाश मिश्रा को बे्रन हैमरेज हुआ था। वह एनओटी वार्ड में भर्ती है। गर्मी से बचने के लिए उन्होंने किराए पर टेंट हाउस से पंखा लिया हुआ है। भीषण गर्मी में दोनों वार्डो में कई पेशेट्स के टांके पक चुके हैं लेकिन कई बार शिकायत के बावजूद भी एसी लगवाना तो दूर कूलर भी ठीक नहीं कराया गया।

-वर्जन-

ऑपरेशन थियेटर में सीनियर डॉक्टर्स ही केस लगाते हैं। पोस्ट ऑपरेटिव वार्ड में भी डॉक्टर्स राउंड लेते हैं। जरूरत के समय जेआर कभी भी फोन करके मदद ले सकता है। रिसर्च जैसी कोई बात नहीं है।

-डॉ। संजय काला, एचओडी सर्जरी डिपार्टमेंट

गर्मी को देखते हुए सभी वार्डो में पंखे और कूलर सही करा दिए गए हैं। जीओटी-पीओपी की जानकारी नहीं है। लेकिन अगर वहां कूलर खराब हैं जो फौरन ठीक करा दिया जाएगा।

-डॉ। एसबी मिश्रा, सीएमएस, एलएलआर हॉस्पिटल