- चिडि़यों की किसी भी एक्टिविटी को रोकने के लिए हुई थी हाई लेवल मीटिंग

- पटना डीएम की निगरानी में आसमान से रखी जानी है नजर

- 2013 में दो तथा 2014 में 5 बर्ड हिट की हो चुकी है घटना

PATNA : एक बार फिर से पटना एयरपोर्ट ऑथॅरिटी के लिए चिडि़या मुसीबत बनी हुई है। दो महीने में दो बार हुए हादसे के बाद अब आने वाले दिनों में हादसों पर कंट्रोल रखने के लिए एडमिनिस्ट्रेशन ने एक हाई लेवल मीटिंग की। साथ ही अपने लेवल से भी रनवे की सुरक्षा को आसमान से रोकने के लिए कुछ खास तरह के इंतजाम करने में जुटी हुई है। फिलहाल एयरपोर्ट डायरेक्टर सोनो मरांडी चार दिन पहले हुई हाई लेवल मीटिंग के रिजल्ट का इंतजार कर रहे हैं। इनका मानना है कि जब तक पूरे एडमिनिस्ट्रेशन का सपोर्ट नहीं मिलेगा, तब तक कंट्रोल कर पाने में भारी मुसीबत आ सकती है। एक तो छोटा रनवे उस पर बर्ड हिट किसी भी समय बड़ा हादसा हो सकता है। ऐसे में सीनियर एडमिनिस्ट्रेशन की टीम को कंट्रोल करने के लिए पटना कमिश्नर ने कई तरह के निर्देश दिए हैं।

आसमान से होगी सात बर्ड हिट की जांच

पटना कमिश्नर नर्मदेश्वर लाल की अध्यक्षता में एयरपोर्ट पर्यावरण प्रबंधन समिति की बैठक में एयरपोर्ट के सीनियर ऑफिसर्स सहित डायरेक्टर ने बताए कि किस तरह ख्0क्फ् में ख् तथा वर्ष ख्0क्ब् में बर्ड-हिट भ् घटनाएं हो गई हैं। ऐसे में इस पर कंट्रोल करने के लिए बाउंड्री के चारों ओर खासा इंतजाम करने की जरूरत है। इसके लिए पटना कमिश्नर के निर्देश पर पटना डीएम सहित फ्लाइंग क्लब के ग्लाइडर की मदद से कम ऊंचाई से उड़ान भर कर सर्वेक्षण करेंगे, फिर उसकी रिपोर्ट देंगे। इसके बाद आगे का एक्शन लिया जाएगा। जानकारी हो कि एयरपोर्ट ऑथॅरिटी की ओर से मरे हुए जीवों के मांस, खाद्य पदार्थ होने की वजह से चील-बाज का आना जाना होता रहता है। इस वजह से अचानक कई तरह के हादसे होत रहते हैं।

लैंडिंग के वक्त आती है बड़ी परेशानी

एयरपोर्ट ऑथॅरिटी को इस बात का डर है कि अगर लैंडिंग के वक्त इस तरह का हादसा होता है तो फिर आने वाले पैसेंजर की जान पर आफत बन सकती है। ऐसे में चिडि़यों को आसपास के एरिया से हटाने की पूरी तैयारी करने की जरूरत है। यही नहीं, जू एरिया में लंबे पेड़ होने की वजह से भी पक्षी का बसेरा बना रहता है, लेकिन जू एडमिनिस्ट्रेशन ने उसे काट दिया था। जो एक बार फिर से बड़ा हो रहा है।

चिडि़या के साथ-साथ बहुमंजिली इमारत भी

एयरपोर्ट एडमिनिस्ट्रेशन ने बताया कि लैंडिंग एरिया में बड़े-बड़े अपार्टमेंट भी परेशानी में डाल रहे हैं। इसको लेकर निगम कमिश्नर कुलदीप नारायण ने बताया कि बहुमंजिली इमारत को लेकर मामला कोर्ट में चल रहा है और इस पर जल्द ही हाईकोर्ट से निर्णय मिल जाएगा। जानकारी हो कि तीन साल पहले हाई मास्ट लाइट और चार बड़ी बिल्डिंग को चिह्नित करके दिया गया था। इसमें से एक निगम सिर्फ हाई मास्ट लाइट को हटा पाया, रेस्ट अपार्टमेंट जस का तस बना हुआ है।