-संजय की मां और पत्नी ने बताया साजिश

PATNA/BUXAR: झारखंड में रामगढ़ के रजरप्पा में छिन्नमस्तिके देवी के मंदिर में मंगलवार को मृत पाए गए संजय नट के मामले में उसके घर वाले यह मानने को तैयार नहीं कि उसने बलि दी है। घर वाले इसे साजिशन हत्या करार दे रहे हैं। संजय के गांव और घर में मातम का माहौल है। घटना की सूचना मिलते ही भाई संतोष नट रामगढ़ रवाना हो गए हैं। गांव के विनोद सिंह व अंगद सिंह ने बताया कि संजय सौम्य व मृदु स्वभाव का था। गांव में किसी से अनबन नहीं थी।

बक्सर के बलिहार गांव निवासी केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवान संजय की मां भगीरथी देवी ने कहा कि उनका बेटा माता के मंदिर में जाकर आत्महत्या नहीं कर सकता। उनका कहना है कि आखिर कौन सा दुख था उसे। उसका अच्छा-भला परिवार है। यह किसी की साजिश है और इसकी जांच होनी चाहिए। संजय सीआरपीएफ की ब्भ्वीं बटालियन में कार्यरत थे। ओडिशा के नौपाड़ा में नक्सल विरोधी अभियान में शामिल रहे।

संजय के घर में उनकी पत्नी शारदा देवी और उनके चार बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल है। पत्नी शारदा ने बताया कि संजय यहां कुछ दिनों छुट्टी पर आए हुए थे। तीन दिन पहले ड्यूटी पर जाने के लिए निकले थे। नौपाड़ा पहुंचकर उन्होंने नौकरी में योगदान देने की सूचना घर वालों को दी।

उन्होंने सवाल उठाया कि वहां से वे छिन्नमस्तिके मंदिर कैसे पहुंच गए? पत्नी बार-बार कह रही थीं कि वह ऐसा क्यों करेंगे, आखिर वह रामगढ़ कैसे पहुंच गए? घर में संजय के दो बेटे पुनीत व संजू (एक क्ख् व दूसरा पांच साल) व दो बेटियां फूल कुमारी और सोनू (एक क्ब् व दूसरी तीन साल) हैं। संजय के पिता हृदया नट बीएमपी में कार्यरत हैं। एक भाई संतोष यूपी में सीआरपीएफ में तैनात है। एक भाई कृष्णा नट गांव में खेती का काम देखता हैं।