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PATNA : सूबे में संचालित 8 आयुर्वेद शासकीय और प्राइवेट कॉलेजों में से ब् कॉलेजों की मान्यता पर खतरा मंडरा रहा है, क्योंकि, इनमें से एक भी कॉलेज ने अस्पताल के लिए तय समय के अंदर एनएएचबी सर्टिफिकेट के लिए अप्लाई ही नहीं किया है। जबकि केंद्र सरकार ने आयुर्वेद कॉलेज से संबंधित हॉस्पीटल के लिए एनएएचबी सर्टिफिकेट अनिवार्य कर दिया है।

छात्रों को नही मिलेगा प्रवेश

मालूम हो कि केन्द्र सरकार ने आयुर्वेद हॉस्पीटल के लिए नई व्यवस्था लागू की है। इसके तहत शासकीय और प्राइवेट कॉलेज को नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल एंड हेल्थ केयर प्रोवाइड्स (एनएएचबी) का सर्टिफिकेट लेना जरूरी है। इसके लिए अस्पताल प्रबंधन को फ्क् दिसंबर तक सर्टिफिकेट के लिए अप्लाई करना था। लेकिन कॉलेज की व्यवस्था दुरुस्त नहीं होने के कारण चार कॉलेज को मान्यता हीं नहीं मिली। जबकि बचे चार कॉलेजों को भी मान्यता नहीं मिलने का खतरा मंडरा रहा है। इसके चलते नए सत्र में छात्रों को कॉलेज में प्रवेश नहीं मिल पाएगा। ऐसे में दूसरे राज्यों में जाकर पढ़ाई करनी पड़ेगी।

मार्च से शुरू होगा निरीक्षण

गौरतलब है कि नए सत्र के लिए हर साल आयुर्वेद कॉलेजों को मान्यता लेनी होती है। सेंट्रल काउंसिल एंड इंडियन मेडिसिन (सीसीआईएम) की टीम कॉलेज निरीक्षण के लिए आती है। इस दौरान कॉलेज की बिल्डिंग, मैदान, लैब, छात्रावास के अलावा अस्पतालों की व्यवस्थाओं का निरीक्षण करते हैं। रिपोर्ट सबमिट करने के बाद ही मान्यता मिलती है। लेकिन इस बार एनएएचबी सर्टिफिकेट नहीं होने पर कई कॉलेजों की मान्यता जा सकती है।

इन कॉलेजों पर खतरा

बिहार में आयुर्वेद के चार कॉलेज संचालित हो रहे हैं। इसमें छपरा का मातीसिंघ जागेश्वर आयुर्वेद कॉलेज एंड हॉस्पिटल, सीवान का जुल्फीकार हैदर यूनानी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, ध्यानांदा आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल और मुजफ्फरपुर का नीतिश्वर आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल है। इसमें यूजी के क्90 और पीजी में ख्0 स्टूडेंट्स पढ़ाई कर रहे हैं।

एनएएचबी का मापदंड

एनएएचबी का पूरा नाम नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल एंड हेल्थ केयर प्रोवाइड्स होता है। सर्टिफिकेट लेने से पहले हॉस्पिटल में मरीजों के इलाज की व्यवस्था, दवा, डॉक्टर्स, मरीजों के परिवार वालों को बैठने की व्यवस्था के अलावा अन्य सुविधाओं को दुरुस्त करना होता है। इसके बाद अस्पताल को सर्टिफिकेट मिल पाएगा। देशभर में करीब ख्8म् आयुर्वेद कॉलेजों को मान्यता है। वर्तमान में केरल के 7, कर्नाटक के 7, नई दिल्ली, तमिलनाडु और हिमाचल प्रदेश के एक-एक आयुर्वेद अस्पतालों ने सर्टिफिकेट लिया है। बिहार के चार अस्पताल सहित देशभर के ख्म्9 कॉलेजों ने सर्टिफिकेट के लिए अप्लाई ही नहीं किया।

केंद्र सरकार ने जनवरी तक देश के सभी आयुर्वेद अस्पतालों को एनएएचबी सर्टिफिकेट लेने कहा था। बिहार के चारों आयुर्वेद कॉलेज ने सर्टिफिकेट के लिए अप्लाई नहीं किया है। अब नए सत्र की मान्यता को लेकर दिक्कतें आ सकती है।

- डॉ। राकेश पांडेय, राष्ट्रीय प्रवक्ता, आयुष मेडिकल एसो।