PATNA : एक अप्रैल से दो लाख रुपए से ज्यादा कैश देकर ज्वेलरी खरीदने वालों को एक प्रतिशत टैक्स देना होगा। इस नए नियम के आलोक में सोना बाजार को थोड़ा नुकसान ही होगा। सोना की कुल बिक्री में दो लाख से अधिक सोना की खरीदारी करने वाले लोगों का करीब ब्0 प्रतिशत हिस्सा होता है। इस लिहाज से करीब फ्0 हजार रुपए प्रति दस ग्राम के सोने के भाव से म्भ् ग्राम से

ज्यादा की ज्वेलरी की बिक्री पर असर होगा। इसलिए ज्वेलर्स भी इससे अधिक वजन के गहने बनाकर नहीं रख पाएंगें।

वर्तमान सीमा पांच लाख तक

नकद खरीद में वर्तमान सीमा पांच लाख रूपये तक की है। लेकिन एक अप्रैल, ख्0क्7 से फाइनेंस बिल में नया प्रावधान लागू हो जाएगा। इसमें दो लाख से अधिक की कैश देकर खरीदारी पर यह प्रावधान लागू होगा। यब बदलाव करने के लिए ज्वेलरी को भी सामान्य वस्तुओं की श्रेणी में डाल दिया गया है। सामान्य वस्तुओं के लिए यह सीमा दो लाख रूपये है। अभी तक सोने की बिस्किट बार खरीदने पर दो लाख की सीमा पहले से ही है। अब यह ज्वेलरी पर भी लागू कर दी गई है।

ऑनलाइन ट्रेडिंग को बढ़ावा

सोना की खरीब कैस की बजाय चेक आदि के माध्यम से बढ़ावा देने पर सरकार जोर दे रही है। इससे लेन-देन के मामले त्वरित रूप से जानकारी में आएगा। पीसी ज्वेलर्स के ब्रांच मैनेजर रवि राडिया ने कहा कि बिक्री पर कोई असर नहीं होगा। ऑनलाइन ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने का प्रयास है और अब यह आम हो रहा है। चेक से, ऑनलाइन पेमेंट करने आदि की सुविधा से खरीदारी की जा सकती है।

विरोध की गुंजाइश कम

ज्वेलरी की खरीद दो लाख रुपए से अधिक कैश में करने पर एक प्रतिशत टैक्स लगेगा। एक अप्रैल से लागू होने वाले इस फैसले का विरोध होने की गुंजाइश कम ही है। क्योंकि वर्तमान में तीन लाख रुपए से अधिक की खरीद करने पर रोक है। जबकि ज्वेलरी की नकद खरीद की सीमा पांच लाख रुपए थी। ऐसे में यदि ज्वेलर्स संगठनों की ओर से नकद खरीद सीमा को बढ़ाने की मांग की जाती है, तो यह तीन लाख रुपए ही होगा।

दो लाख रुपए से अधिक की सोने की ज्वेलरी की खरीद नकद नहीं होने से इसके कारोबार पर प्रभाव नहीं होगा। ऑनलाइन में खरीदारी तो होगी ही।

- रवि डी राडिया, ब्रांच मैनेजर पीसी ज्वेलर्स

पहले से आम वस्तओं की खरीद तीन लाख रुपए से अधिक नकद में नही की जा सकती है। ऐसे में ज्वेलरी की खरीद पर सीमा से व्यापक प्रभाव नहीं होगा।

- विनोद कुमार, अध्यक्ष पाटलिपुत्र सर्राफ संघ