- आंगनबाड़ी की सेविका व सहायिकाओं ने बनियापुर में किया सड़क जाम

क्कन्ञ्जहृन्/ ष्ट॥न्क्कक्त्रन् : जिले के बाल विकास परियोजना कार्यालयों पर मंगलवार को बिहार राज्य आंगनबाड़ी कर्मचारी यूनियन (एटक) के आह्वान पर सेविका एवं सहायिकाओं ने धरना दिया। आंगनबाड़ी सेविकाओं एवं सहायिकाओं ने अपने 16 सूत्री मांगों के समर्थन में चरणबद्ध आंदोलन करने का निर्णय लिया है। इसके लिए प्रथम चरण में आंगनबाड़ी केंद्रों में 24 मार्च से तालाबंदी करने के साथ ही 27 मार्च से प्रखंड मुख्यालय स्थित परियोजना कार्यालयों पर धरना प्रदर्शन किया जा रहा है।

अगले चरण में जिला मुख्यालय में जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन किया जाएगा। इसके बाद पटना में घेरा डालों डेरा डालों के तहत राजधानी पटना में धरना प्रदर्शन किया जाना है। सोलह सूत्री मांगों में सेविका व सहायिका को सरकारी घोषित करने, न्यूनतम वेतन 18 हजार रुपये प्रति माह दिए जाने एवं दूसरे प्रदेशों की तरह सेविका सहायिका को सुविधा देने जैसी मांग शामिल है। धरना के दौरान सेविकाओं ने 18 हजार रुपये प्रति माह मानदेय से कम पर गुजारा नहीं होने की बात दुहराया। इस दौरान सरकार विरोधी नारे भी लगाए गए।

मांगों के समर्थन में दूसरे दिन भी धरना जारी

अपनी 16 सूत्री मांगों के समर्थन में प्रखंड के सेविका एवं सहायिकाओं ने प्रतिमा देवी की अध्यक्षता में मंगलवार को दूसरे दिन भी धरना दिया। धरने में शामिल गुड्डी देवी, संजू देवी, कुमारी निभा, रेणू, मीरा कुमारी, सीता देवी, गीता देवी, मीना देवी एवं रीना वर्मा आदि ने बताया कि प्रोत्साहन मानदेय राशि देने एवं सरकारी कर्मचारी घोषित करने जैसी 16 मांगें शामिल है।

प्रखंड मुख्यालय पर सोमवार को धरना प्रदर्शन करते हुए आंगनबाड़ी सेविकाएं सड़क पर उतर गई और प्रखंड मुख्यालय से जनता बाजार जाने वाली मुख्य सड़क को जाम कर दी। सड़क जाम किए जाने से वाहनों की लंबी कतार लग गई। सेविका और सहायिकाओं ने घंटो आवागमन बाधित किया। इस दौरान सभी सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी कर रही थी। सभी महिलाएं गोवा व तेलांगाना सरकार की अनुसार वेतन की मांग कर रही थी।

सडक जाम की सूचना पर स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और सेविका और सहायिकाओं को समझाकर जाम हटवाई। बताया जाता है कि 16 सूत्री मांगों को लेकर प्रदेश की सेविका और सहायिकाएं हड़ताल पर हैं। वे सभी गोवा व तेलांगाना सरकार द्वारा दिए जा रहे मानदेय की मांग कर रहे हैं। इनके द्वारा मुख्यमंत्री का पुतला भी फूंका जा चुका है। प्रदर्शन करने वाली सेविका व सहायिकाओं में लक्ष्मी देवी, सुनीता देवी, अर्चना देवी, मीना देवी, संध्या श्रीवास्तव आदि प्रमुख थीं।