- गांधी मूर्ति के सामने कामर्स के छात्रों ने किया प्रदर्शन

PATNA : देश भर के ख्7 राज्यों में कामर्स के अभ्यर्थियों को शिक्षक पात्रता परीक्षा में शामिल होने की अनुमति है लेकिन बिहार में क्यों नहीं। एक ओर बिहार में शिक्षकों की भारी कमी है और दूसरी ओर कामर्स के अभ्यर्थियों को इस परीक्षा में शामिल होने की अनुमति नहीं है।

आखिर क्यो? यह सवाल बिहार वाणिज्य सह बीएडधारी छात्र संघ के अध्यक्ष राजीव कुमार रंजन ने उठाया है। उनके नेतृत्व में प्रदेश भर के करीब ख्00 से अधिक अभ्यर्थी गांधाी मैदान, गांधी मूर्ति के समीप जमा हुए। सभी इसी बात को लेकर रोष में थे कि कामर्स को पात्रता परीक्षा से बाहर रखने का क्या औचित्य है। इस अवसर पर अभिषेक कुमार पांडे, मो। शाकिर अनवर, जीतेंद्र कुमार व अन्य शामिल थे।

बोर्ड में जाकर मिले अभ्यर्थी

कामर्स के अभ्यर्थियों ने बिहार बोर्ड ऑफिस में सचिव एवं अन्य पदाधिकारियों से मिले। इस मामले पर बोर्ड के पदाधिकारियों ने कहा कि यह मामला बोर्ड नहीं बल्कि शिक्षा विभाग के पास लेकर जाएं। संघ के अध्यक्ष राजीव कुमार रंजन ने कहा कि गुरूवार को हमलोग शिक्षा विभाग में जाकर अपनी मांग रखेंगे।

इस बारे में उन्होंने बताया कि प्रदेश भर से करीब एक हजार से अधिक छात्र कामर्स के हैं, जो कि बीएड धारी हैं। ऐसे में यह मामला बड़ा है। जिन्होंने बीएड किया है, उनके सामने जॉब का क्या विकल्प है। उधर, इस मामले को लेकर छात्र संघ आइसा ने पहले ही आंदोलन के जरिये इस बात को रख दिया है कि कामर्स के छात्रों को शामिल नहीं किया जाना उनके साथ क्रुर मजाक है। इस सवाल को लेकर आइसा बिहार के बीएड कॉलेजों में कैंपेन चला रहा है।