-कालेजों के प्राचार्य भी अब 65 की आयु में होंगे सेवानिवृत्त

- रिटायर्ड बीएसएस बने सकेंगे कुलसचिव

-विधानसभा में पारित हुआ संशोधन विधेयक

PATNA : कॉलेज के प्रिंसिपल की रिटायरमेंट की उम्र म्ख् से म्भ् कर दिया गया है। इसके अलावा राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों में कुलसचिव के पद पर अब बिहार प्रशासनिक सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी भी नियुक्त किए जा सकेंगे। साथ ही कालेजों के प्राचार्यो को भी प्राध्यापक, सह प्राध्यापक एवं सहायक प्राध्यापकों की तरह शिक्षकों की श्रेणी में रखा जाएगा। यह सारे नियम राज्य सरकार ने सोमवार को बिहार विधानसभा के विशेष सत्र में इस संबंध में बिहार राज्य विश्वविद्यालय(संशोधन) विधेयक-ख्0क्7 और पटना विश्वविद्यालय(संशोधन) विधेयक-ख्0क्7क को मंजूरी के बाद लागू किए जाएंगे।

शिक्षक की श्रेणी में अाए प्रिंसिपल

शिक्षा मंत्री डा। अशोक चौधरी ने बिहार राज्य विश्वविद्यालय(संशोधन) विधेयक-ख्0क्7 पेश करते हुए कहा कि प्राचार्य भी शिक्षा से जुड़े हैं, इस कारण इन्हें फिर से शिक्षकों की श्रेणी में लाया जा रहा है। क्97म् के नियम में शिक्षकों की श्रेणी में प्राचार्य और प्रयोगशाला प्रदर्शक भी शामिल थे, परन्तु ख्0क्ख् में किए गए संशोधन के कारण इन्हें शिक्षकों की श्रेणी से अलग कर दिया गया था। अब प्राचार्य भी शिक्षकों की तरह म्भ् की आयु में रिटायर होंगे। वहीं विश्वविद्यालयों में उपयोगिता प्रमाण-पत्र, बैकलाग रिक्तियों के रोस्टर बनाने एवं डाटा बेस तैयार करने जैसे कार्यो में अकसर विलंब हो जाता था। इसी कारण कुलसचिव पद पर वैसे व्यक्तियों की नियुक्ति का प्रावधान किया गया है जिन्हें प्रशासनिक कार्यो का अनुभव हो।

भाजपा ने कहा, स्वायतता पर हमला

भाजपा के मिथिलेश तिवारी ने सिद्धांत पर विचार और इस विधेयक को जनमत के लिए प्रचारित करने का प्रस्ताव रखा जो नामंजूर हो गया। तिवारी ने आरोप लगाया कि सरकार प्रशासनिक पदाधिकारियों की कुलसचिव पद पर नियुक्ति कर विश्वविद्यालय की स्वायतता समाप्त करना चाहती है। अगर प्रशासनिक पदाधिकारी को ही नियुक्त करना है तो सेवानिवृत्त की जगह सेवा में बने हुए अधिकारियों को मौका दिया जाए ताकि वह पूरी जिम्मेदारी से अपना काम कर सकें। नेता प्रतिपक्ष डा। प्रेम कुमार ने कहा कि सरकार को यह संशोधन विधेयक, बजट सत्र में ही लाना चाहिए था। प्रयोगशाला प्रदर्शकों को भी शिक्षकों की श्रेणी में लाया जाए। आपत्तियों के बावजूद सदन ने इस विधेयक को मंजूरी प्रदान कर दी।