- दागदार पर हुई होती कार्रवाई तो गड़बड़ी की नहीं होती आशंका

- लालकेश्वर की टीम के दोषियों पर क्यों नहीं हुई कार्रवाई

manish.mishra@inext.co.in

PATNA : टॉपरों के खेल में बिहार बोर्ड दूसरी बार फेल हुआ है। सिस्टम में सेंधमारी ने साबित कर दिया है कि लालकेश्वर की टीम अभी भी नेटवर्क में शामिल है जो टॉपर बनाने का काम कर रही है। एक बार हुई गलतियों का सबक क्यों नहीं लिया गया और फिर दोबारा टॉपर के खेल की पुनरावृत्ति कैसे हो गई? ऐसे कई सवाल हैं जिसका जवाब आज भी नहीं मिल रहा है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट पहली बार बताने जा रहा है कि सिस्टम की कौन सी कड़ी कमजोर है जिसके कारण प्रदेश का नाम पूरे देश में बदनाम हुआ है।

- लालकेश्वर का नेटवर्क तोड़ने में फेल रहा बोर्ड

बिहार बोर्ड में टॉपर घोटाले का मास्टर माइंड और पूर्व अध्यक्ष लालकेश्वर का बड़ा नेटवर्क काम कर रहा है। आ‌र्ट्स टॉपर रूबी राय के फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद पूरा नेटवर्क सामने आ गया था। इस गेम में लालकेश्वर का एक बड़ा नेटवर्क सामने आया जो प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था की जड़ में पहुंचकर पास कराने का बड़ा खेल करता था। लालकेश्वर को जेल भेजने के बाद जब बिहार बोर्ड के अध्यक्ष की कमान पटना कमिश्नर आनंद किशोर को मिली तो सख्ती का चाबुक चलना शुरू हो गया। अचानक से कई ऐसे फरमान जारी किए गए जिससे बदलाव साफ नजर आने लगा, लेकिन अध्यक्ष और मामले की जांच कर रही एसआईटी से कई ऐसी बड़ी चूक हुई है जो फिर से बिहार बोर्ड के माथे पर दाग लगाने का काम किया है।

- सवालों के घेरे में जिम्मेदार

आ‌र्ट्स टॉपर में गड़बड़ी के आरोप के बाद शिक्षामंत्री के बयान से बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर घिर गए हैं और एक बार फिर

टॉपर के लिए हुए फर्जीवाड़े की जांच पटना पुलिस कर रही है। बीएसईबी के अध्यक्ष आनंद किशोर ने पूर्व अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद के समय को बिहार कि शिक्षा व्यवस्था का काला अध्याय बताया था और कार्रवाई भी किया। एसआईटी के चीफ मनु महाराज के नेतृत्व में करीब फ्ख् लोगों को गिरफ्तार किया गया था। फिलहाल भ् लोग आदर्श केन्द्रीय कारा बेऊर में बंद हैं। एक माह पहले तक एसआईटी ने इस मामले से जुड़े लोगों को गिरफ्तार किया हैं ।

- दो वर्ष में रेवड़ी की तरह बांट दी मान्यता

पूर्व अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद ने दो वषरें के कार्यकाल में बिहार के ख्क्ख् इंटर कॉलेजों एवं स्कूलों को मान्यता दी थी। टॉपर घोटाले पर सीएम के निर्देश पर गठित एसआईटी एवं बीएसईबी की जांच टीम ने ख्क्ख् स्कूलों कॉलेजों की जांच में कई चौकाने वाला खुलासा हुआ। कहीं आटा-चक्की पर कॉलेज का बोर्ड लगा था तो कहीं राशन दुकान पर स्कूल चल रहे थे। कई ऐसे स्कूल थे जो पॉकेट में ही चल रहे थे। वर्ष ख्0क्म् के सितंबर माह में बीएसईबी ने एक रिपोर्ट जारी किया कर प्रथम चरण में क्7ब् इंटर कॉलेजों व स्कूलों की जांच कराई जिसमें क्भ्ब् की मान्यता तत्काल निलंबित कर दिया गया, शेष की जांच जारी है। एक माह बाद अक्टूबर में बीएसईबी द्वारा रिपोर्ट जारी किया गया कि म्8 इंटर कॉलेजों एवं क्9 स्कूलों की मान्यता रद्द कर दी गई है । बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने करीब ख्00 इंटर कालेजों व स्कूलों की मान्यता रद्द कर दिया । अनिमयतता एवं भ्रष्टाचार का आरोप पूर्व अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद व पूर्व विधायक उषा सिन्हा, बोर्ड के दो पूर्व सचिव, कई बोर्ड कर्मी पर लगा। एसआईटी ने उन्हें जेल भेज दिया ।

- साहबों को बचाने के पीछे क्या है राज

- बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष लालकेश्वर के समय में खुले ख्क्ख् इंटर कॉलेजों एवं स्कूलों की मान्यता देने की अनुशंसा एवं भौतिक सत्यापन की रिपोर्ट जिले के डीइओ ने किया था?

- डीइओ की रिपोर्ट को सही मानते हुए सभी स्कूलों कॉलेजों को मान्यता दिया गया था।

- सवाल उठता है कि जिस डीइओ की गलत रिपोर्ट पर स्कूलों एवं कॉलेजों को मान्यता दी गई उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हुई?

- बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर और मामले की जांच कर रहीं एसआईटी ने क्यों नहीं एफआईआर दर्ज किया?

- इतने बड़े घोटाले के बाद भी डीइओ की गिरफ्तारी क्यों नहीं की गई?

- प्रदेश के पटना, नालंदा, रोहतास, कैमुर, बक्सर, नवादा, औपंगाबाद, जहानाबाद, अरवल, मजफ्फरपुर, सीवान, गोपालगंज, लखीसराय, खगडि़या, जमुई, समस्तीपुर, सहरसा, भागलपुर, पूर्णिया, बांका सहित फ्क् जिले के डीईओ ने गलत भौतिक सत्यापन रिपोर्ट मान्यता के लिए बीएसईबी को क्यों सौंपी थी?

- बोर्ड के पास इसका पर्याप्त साक्ष्य मिला इसके बाद भी कार्रवाई में क्यों नहीं तेजी दिखाई गई?

- आखिर इनके बचाने के पीछे कौन सा राज हैं ?

- जबकि बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने प्रभार लेने के बाद प्रेस कांफ्रेंस में स्पष्ट कहा था की डीईओ की रिपोर्ट पर ही बीएसईबी मान्यता देती है।

- फ्क् जिलों के डीईओ पर कार्रवाई नहीं किया जाना हो सकता है दोबारा दाग लगाने का बड़ा कारण ?

हाईलाइट्स

- लालकेश्वर दोषी तो बोर्ड में फर्जीवाड़े में शामिल अन्य लोगों को क्यों बचाया गया

- भौतिक सत्यापन कर गलत रिपोर्ट देने का है फ्क् डीइओ पर आरोप

- डीइओ के रिपोर्ट पर लालकेश्वर ने दी थी ख्क्ख् स्कूल ,कालेजों को मान्यता

- जांच रिपोर्ट के आधार पर करीब ख्00 कालेजों व स्कूलों की मान्यता की गई थी रद्द