- बयानबाजी करने वालों को राजद सुप्रीमों का अल्टीमेटम

- बयान से होते संग्राम को लेकर लालू आए आगे

PATNA : राष्ट्रपति चुनाव में प्रत्याशी को लेकर महागठबंधन में छिड़ा महासंग्राम पर विराम लगाने के लिए राजद सुप्रीमों ने कड़ा रुख अपनाया है। पार्टी के बड़बोले नेताओं को चुनौती देते हुए हिदायत दी कि वह अपनी हद में रहें। लालू ने विधायक भाई वीरेंद्र को भी नसीहत दी है। डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने भी अपना राग बदल दिया है और अब महागठबंधन की जोड़ को मजबूत करने के लिए शीर्ष नेताओं में बेहतर समन्वय की बात कही है।

- अचानक बदल गया नेताओं का राग

एक दिन पूर्व सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ डिप्टी सीएम तेजस्वी ने जहर उगला था। एक दिन पहले तीखे बयान के बाद जदयू के तेवर सोमवार की सुबह से ही बदल गए। अब सीएम नीतीश कुमार पर बयानबाजी करने नेताओं पर कार्रवाई के लिए जदयू अड़ गया। पार्टी के महासचिव केसी त्यागी ने तो गाइड लाइन ही जारी कर दी है।

- जदयू है महागठबंधन की मदर

राजद के महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि अभी कुछ दिन और बर्दाश्त करेंगे उसके बाद नहीं। उन्होंने कहा कि जदयू महागठबंधन की मद है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने लालू से बड़बोले नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाने की मांग की है। अजय आलोक ने दो कदम और आगे जाकर कहा कि बयानवीर नेताओं पर कार्रवाई के बाद ही आग थमेगी। उन्होंने उदाहरण दिया कि प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे से बदतमीजी करने वाले नेता को राजद ने निकाला तो नीतीश कुमार को अपमान करने वाले नेताओं पर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है।

- किया जा रहा है डैमेज कंट्रोल

जदयू के ताबड़तोड़ हमले के बीच डैमेज कंट्रोल की कवायद करते हुए राजद के मुख्य प्रवक्ता मनोज झा ने दोनों दलों के नेताओं को बयानबाजी से बचने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि कोई बहस में न पड़े कि किसके चेहरे पर जनमत मिला। जनमत जनता ने दिया है और सरकार कार्यकाल पूरा करेगी। अपने हमलावर रुख से पीछे हटते हुए तेजस्वी ने भी अपने दल के प्रवक्ताओं को आधिकारिक बयान देने की हद निर्धारित करते हुए कहा कि अनुशासन से कोई समझौता नहीं होगा। राजद की ओर से केवल नामित प्रवक्ता ही आधिकारिक बयान देंगे।

- इसलिए हुआ महागठबंधन में महासंग्राम

क्। नीतीश सरकार की कार्यशैली पर राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह एवं विधायक भाई वीरेंद्र बयान पर बयान दे रहे थे।

ख्। लालू के आवास पर इफ्तार में महागठबंधन के शीर्ष नेताओं में संवादहीनता ने आग में घी का काम किया।

फ्। कोविंद को समर्थन के मुद्दे पर सीएम की सफाई के बाद डिप्टी सीएम तेजस्वी के पलटवार से शांति वार्ता में बुरी तरह खलल पड़ गई।

ब्। तेजस्वी ने अगले दिन भी हमला जारी रखा, नीतीश कुमार का नाम लिए बगैर कह दिया कि अहंकार के कारण ही विपक्ष बिखर गया है। विपक्ष में गलत प्राथमिकताओं को चुनने वाले लोग भी हैं।

- जदयू - कांग्रेस की बढ़ी मुश्किल

- मीरा कुमार के मुद्दे पर नीतीश कुमार पर गुलाम नबी आजाद के हमले के बाद जदयू ने आरोपों का रुख राजद से कांग्रेस की ओर मोड़ दिया।

- जदयू के राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि कांग्रेस की जिद की वजह से विपक्षी एकता व्यापक नहीं हो पाई।

- कांग्रेस ने मीरा कुमार के नाम की चर्चा कभी नीतीश कुमार से नहीं की, चेन्नई में वामदलों और नीतीश के बीच गोपाल कृष्ण गांधी के नाम पर सहमति बन गई थी।

- त्यागी का बयान कांग्रेस के उस बयान के बाद आया जिसमें कहा गया कि नीतीश कुमार बिहार की बेटी मीरा कुमार को हरा रहे हैं।

- राजद-जदयू में तकरार की चिनगारी से कांग्रेस भी महफूज नहीं रही।

- पार्टी के छह विधायकों के पाला बदलने की अफवाह ने नेतृत्व को परेशान कर दिया।