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PATNA : शिक्षा में बिहार दम तोड़ रहा है। इसका सबसे बड़ा कारण प्रदेश में शिक्षकों की कमी है। बिहार देश में दूसरे पायदान पर है जबकि पहले स्थान पर यूपी और तीसरे पर बंगाल है। ये चौंकाने वाला खुलासा मानव संसाधन विकास मंत्रालय से किए गए एक सवाल के जवाब में राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने किया है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट आपको बताने जा रहा है कि प्रदेश में शिक्षा की स्थिति कैसे बदतर हो रही है। राज्य शिक्षा विभाग द्वारा आवंटित कुल पद क्90ब्97 है जिसमें से 8ख्फ्78 पद रिक्त हैं यानी कि तक़रीबन ब्फ् प्रतिशत पद रिक्त हैं। वहीं सर्व शिक्षा अभियान के तहत बिहार में कुल ब्0ख्0ब्ब् पद आवंटित हैं जिसमें से क्ख्क्भ्भ्म् पद रिक्त चल रहे हैं। यानी कि फ्0 प्रतिशत पद रिक्त हैं।
ऐसे हुआ रिक्तियों का खुलासा
जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय से ब् सवाल किया था। इसमें सर्वशिक्षा अभियान से जुड़े हैं।
=क्या यह सच है कि सर्व शिक्षा अभियान के अर्न्तगत सरकार द्वारा स्वीकृत किए गए शिक्षक के पदों को कुछ राज्यों द्वारा नहीं भरा गया है?
=यदि हां तो तत्संबंधी राज्य, संघ राज्य क्षेत्रवार ?यौरा क्या है?
=क्या सरकार ने इन राज्यों में शिक्षकों के पदों को भरने के लिए कदम उठाए हैं?
=शिक्षकों की भर्ती के लिए कदम उठाएं हैं तो ?यौरा क्या है?
=उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि अध्यापकों की भर्ती और सेवा शर्ते मुख्यत: राज्य सरकारों, संघ राज्य क्षेत्र प्रशासनों के कार्य क्षेत्र में आती है।
=केंद्र सरकार सर्व शिक्षा अभियान के प्रमुख कार्यक्रम के जरिए नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार ख्009 के मानकों के लिए निर्धारित मानदंडों के अनुसार समुचित छात्र शिक्षक अनुपात बनाए रखने के लिए अतिरिक्त शिक्षकों हेतु राज्यों और संघ राज्यों क्षेत्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करती हैं।
=केंद्र सरकार अध्यापकों की शीघ्र भर्ती और पुन: तैनाती के मुद्दे पर राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों के साथ लगातार विचार विमर्श कर रही है।
=राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों को एडवाइजरी भी जारी की गई है।
रिक्तियों के मामले में बिहार टॉप पर
राज्यवार बात करें तो सबसे अधिक रिक्तियों वाले भ् राज्य इस प्रकार हैं
=उत्तर प्रदेश
ख्ख्ब्फ्ख्7 (कुल रिक्त पद)
=बिहार
ख्0फ्9फ्ब् (कुल रिक्त पद)
=पश्चिम बंगाल
8778क् (कुल रिक्त पद)
=छत्तीसगढ़
ब्8भ्0म् (कुल रिक्त पद)
=मध्य प्रदेश
म्म्भ्ख्फ् (कुल रिक्त पद)
(आंकड़े फ्क् मार्च ख्0क्7 की स्थिति के अनुसार हैं)
बिहार शिक्षा के लिए प्राचीन काल से जाना जाता रहा है। लेकिन आज सरकार ही ध्यान नहीं दे पा रही है। शिक्षा व्यवस्था यहां दम तोड़ रही है। समय रहते यदि शिक्षा व्यवस्था को ठीक नहीं किया गया तो प्रदेश का भविष्य दांव पर होगा।
अरविन्द मिश्र, शिक्षाविद