-जदयू की राष्ट्रीय परिषद के खुले अधिवेशन में बोले नीतीश

-हम वोट के लिए नहीं, अपने संकल्प के लिए काम करते हैं

- किसी की कृपा पर राजनीति में जीवित नहीं

-शरद यादव निर्णय लेने को स्वतंत्र, पार्टी पर कोई असर नहीं पड़ने वाला

PATNA : जदयू की राष्ट्रीय परिषद के खुले अधिवेशन में राजद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निशाने पर रहा। नीतीश ने कहा कि पिछलग्गू बनकर कुकर्म ढोने के लिए जनादेश नहीं मिला था। जदयू का भी जनाधार है। उन्होंने सवाल किया कि मेरे और जदयू के बगैर मैंडेट मिला था क्या? हम किसी की कृपा पर राजनीति में जीवित नहीं हैं और न ही किसी पर कृपा करते हैं। हम वोट नहीं अपने संकल्प के लिए काम करते हैं। राष्ट्रीय परिषद का खुला अधिवेशन रवींद्र भवन में आयोजित था।

राजद पर बरसे नीतीश

नीतीश ने कहा कि मैंडेट परिवारवाद की रक्षा के लिए नहीं मिला था। बहुत लोग हताशा में हैं, मैं उनकी कोई सहायता नहीं कर सकता। मेरे खिलाफ जितने अपशब्द का इस्तेमाल करेंगे उतना अधिक जनमत हमारे साथ जुड़ता जाएगा। जितना बोलना है बोलते रहिए। हम भ्रष्टाचार से समझौता नहीं करने वाले। हम अपनी पहचान समाप्त कर दें क्या? बेनामी संपत्ति के पक्ष में हम खड़े रहें इसके लिए मैंडेट मिला था क्या? तेजस्वी यादव पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर वह खुद त्यागपत्र दे देते तो ऊंचाईयों पर जाते। मैंडेट कानून का राज के लिए मिला था। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने क्या-क्या नहीं झेला। राजद के लोगों ने मुझे परिस्थितियों का मुख्यमंत्री कहा। यह भी कहा गया कि इनका कोई आधार नहीं और मुख्यमंत्री बने रहेंगे? यह काफी अपमानजनक था। हम किसी कि कृपा पर राजनीति में जिंदा नहीं हैं।

शरद यादव बोले नीतीश

नीतीश कुमार ने कहा कि शरद यादव निर्णय लेने को स्वतंत्र हैं। ख्00ब् में चुनाव हार गए थे। मैंने उन्हे राज्यसभा में भेजने के लिए जार्ज साहब को मनाया था। जार्ज साहब दूसरे के लिए मन बनाए हुए थे। शरद को उन्होंने पार्टी तोड़ने की चुनौती भी दी। अली अनवर का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि भाजपा के वोट पर हमने राज्यसभा भेजा। लज्जा नाम की चीज थोड़ी भी नहीं रह गयी है। कभी-कभी हमें लगता है कि हम सचमुच बेवकूफ हैं।

सृजन घोटाले पर बोले

मुख्यमंत्री ने कहा कि घोटाले में शामिल बख्शे नहीं जाएंगे। बचकर जाएंगे कहां? सीबीआई की आलोचना करने वाल सीबीआई जांच की मांग करने लगे। मैंने इसे सीबीआई को सौंपने का निर्णय लिया।