- छेड़खानी की घटनाओं का जताया विरोध, सेफ कैंपस की मांग की

- आइसा, एआइएसएफ, एआइडीएसओ, पीडीवाईएफ ने निकाला विरोध जुलूस

- बंद करों गुंडागर्दी, सशक्त जेंडर सेल गठित करने की मांग उठायी

PATNA(19Aug): पटना यूनिवर्सिटी कैंपस और इसके कॉलेज लड़कियों के लिए सेफ नहीं हैं। बार- बार छेड़खानी की घटनाएं हो रही है। इस समस्या को पुरजोर तरीके से उठाने के लिए वाम छात्र संगठनों ने शनिवार को दरभंगा हाउस से पीयू गेट तक जुलूस मार्च निकाला। जुलूस का नेतृत्व एआइएसएफ के राज्य सचिव सुशील कुमार ने किया। उन्होंने बताया कि छात्राएं बार- बार सेफ कैंपस की गुहार लगाती रही है। लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन पंगु हो गया है। इसी समस्या को लेकर वाम छात्र संगठनों के विभिन्न संगठन आइसा, एआइएसएफ, एआइडीएसओ, पीडीवाईएफ एकजुट हुए हैं।

हॉस्टल, कैंपस कब होगा सेफ ?

पुलिस प्रशासन की अनुमति से प्रदर्शनकारी छात्रों में से छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने रजिस्ट्रार डॉ रविंद्र कुमार से मुलाकात की। छात्रों ने सेफ कैंपस की मांग की। एआईएसएफ के राज्य सचिव सुशील कुमार ने कहा कि कैंपस में सशक्त जेंडर सेल बनाने की जरूरत है। साथ ही, हॉस्टल में हर बार गुंडों का दबदबा हो जाता है, इसे रोकने के लिए पीयू प्रशासन ठोस कदम उठाये। रजिस्ट्रार ने सुरक्षा का भरोसा जताया।

लोकतांत्रिक प्रदर्शन पर रोक क्यों?

जब वाम दलों के प्रतिनिधियों के साथ छात्र- छात्राएं बड़ी संख्या में दरभंगा हाउस ने आगे बढ़ते हुए पीयू गेट से विश्वविद्यालय के अंदर जाने लगे तो पीरबहोर थाना प्रभारी ने प्रदर्शनकारियों की भीड़ को प्रवेश करने से रोका। इस पर आइसा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य आकाश कश्यप ने कहा कि पुलिस प्रशासन कैंपस को सेफ बनाने में विफल रहा है लेकिन लोकतांत्रिक तरीके से छात्राओं के अधिकार की मांग और कैंपस को रैगिंग फ्री बनाने की आवाज को दबा रहा है।

बाहरी छात्रों ने आकर ली रैगिंग

राजधानी का प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी में पटना यूनिवर्सिटी का नाम सबसे पहले आता है। लेकिन आज तक इसे रैंगिंग फ्री नहीं बनाया जा सका है। आइसा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य आकाश कश्यप ने बताया कि यह विडंबना है कि क्8 अगस्त को पटना कॉलेज कैंपस में कॉलेज के छात्रों की रैंगिंग ली गई। रैगिंग लेने वाले कैंपस के बाहर के छात्र थे। उधर, इस मामले पर कॉलेज प्रशासन खुद को पंगु बता रहा है। बाहरी छात्रों के प्रवेश पर अब भी रोक नहीं है। सिर्फ यही नहीं, बीते क्क् अगस्त को दिशा की एक प्रदर्शनकारी छात्रा के बाद छेड़खानी के मामले में मिंटो छात्रावास के एक छात्र को जेल भेजा गया है।