- अस्पतालों में दवा आपूर्ति एवं उपकरण खरीद में बरती गई अनियमितता

- विभिन्न अस्पतालों के लिए जो टेंडर निकाले जाते हैं उसमें धोखाधड़ी का है मामला

PATNA : पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से दो सप्ताह में जवाब देने को कहा है। मामला सरकारी अस्पतालों में दवा आपूर्ति एवं उपकरण खरीद में बरती गई अनियमितता को लेकर है। दायर लोकहित याचिका पर यह आदेश मुख्य न्यायाधीश राजेन्द्र मेनन की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय खंडपीठ ने महुआ के पूर्व विधायक रविन्द्र राय की लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया।

याचिका में आरोप लगाया है कि बिहार मेडिकल सर्विसेज इफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट एंड कॉर्पोरेशन लिमिटेड (डीएमएसआईसीएल) के माध्यम से राज्य सरकार पूरे प्रदेश के छह सरकारी मेडिकल कालेज, ख् हेल्थ संस्थान, ख्भ् जिला हास्पीटल, ख्फ् सब डिविजनल हास्पीटल, क्7 स्वास्थ्य केन्द्र, फ्7क् रेफरल अस्पताल, भ्फ्ब् प्राथमिकी स्वास्थ्य केन्द्र और क्ख्फ्ब् अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में दवा एवं उपकरण की आपूर्ति करती है। इसके एवज में राज्य सरकार फ्00 से लेकर 800 फीसद अधिक कीमत पर दवा खरीदती है।

इतना ही नहीं, अस्पतालों के लिए खरीदे जाने वाले उपकरण एवं सर्जरी के सामान पर क्00 प्रतिशत ज्यादा राशि चुकाई जाती है। सुनवाई में अधिवक्ता राजीव कुमार सिंह ने कहा कि विभिन्न अस्पतालों के लिए जो टेंडर निकाले जाते हैं उसमें भी धोखाधड़ी हो रही है। इसलिए इस पूरे प्रकरण की जांच सीबीआई से की जानी चाहिए। राज्य सरकार की ओर से इन सारे आरोपों का जवाब देने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा गया।