- भागते नजर आए पुलिस वाले, प्रदर्शनकारियों ने आर ब्लॉक से लेकर थाना का भी गेट तोड़ दिया

- न तो पर्याप्त पुलिस बल था और न ही पानी की बौछार करने वाली मशीन

- खराब मशीन को ठीक करने में जितना टाइम लगा, उतने में घेर लिया असेम्बली

- दर्जनों पुलिसकर्मी जख्मी, जमकर बरसी लाठियां और खूब हुआ पथराव

PATNA : पटना पुलिस ने कई मौकों पर क्राउड मैनेजमेंट का पाठ पढ़ा और सीखा भी, मगर गुरुवार को डाकबंगला चौराहे पर जब एबीवीपी के वर्कर्स के प्रदर्शन को संभालने की जरूरत पड़ी, तो यह सारा मैनेजमेंट फेल हो गया। आलम यह रहा कि शहर का आर ब्लॉक चौराह रणक्षेत्र में तो तब्दील हुआ ही, इसमें करीब 40 लोग जख्मी हो गए, जिसमें जिला प्रशासन और पुलिस वाले शामिल थे। सीनियर एसपी जितेन्द्र राणा को चोटें और कई पुलिसकर्मी बुरी तरह पीटे गए। यही नहीं, हजारों की संख्या में जुटे एबीवीपी के कार्यकर्ताओं पर बरसी लाठियों में सैकड़ों जख्मी हो गए। इतनी संख्या में कार्यकर्ताओं को मैनेज करने में पुलिस पूरी तरह फेल रही। स्थिति यह हो गई कि एक समय में घटनास्थल पर सीनियर एसपी को छोड़कर कोई भी सिटी एसपी और डीएसपी मौजूद नहीं थे। पुलिसकर्मियों की इतनी कमी थी कि प्रदर्शनकारी भारी पड़ गये। एक बार तो पुलिस वालों को आर ब्लॉक के पास ही प्रदर्शनकारियों ने इतना पीटा की वे मैदान छोड़कर भाग निकले। वहां बचे कुछ पुलिस वालों को यह समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करे और न करें?

पानी की बौछार भी न कर सकी पुलिस

पुलिस का मैनेजमेंट वहां कितना गड़बड़ था यह साफ दिख गया। गेट से फांदकर प्रदर्शनकारी बाहर आ गए और धरना पर बैठ गए। धीरे धीरे और भी लोग बाहर आ गये, वहां गिनती के ही पुलिस वाले मौजूद थे। स्थिति यह हो गई कि कम पुलिस पर अधिक प्रदर्शनकारी, लेकिन लाठीचार्ज का आदेश देने वाला कोई नहीं। आखिरकार कार्यकर्ता पुलिस से भिड़ गए। पानी की बौछार करने के लिए गाड़ी तो आई, मगर वह पानी उपर से फेंक कर दोनों ओर से नीचे फेंकने लगी। मतलब साफ साथ बिना तैयारी के ही बस खानापूर्ति के लिए उसे वहां भेजा गया। जबतक लोग ठीक करते प्रदर्शनकारियों को टाइम मिल गया और आर ब्लॉक का गेट भी तोड़ दिया और आराम से असेम्बली की ओर नारेबाजी करते हुए बढ़ गए। संख्या भी बढ़ गई थी और सड़क पर अफरातफरी मच गई। प्रदर्शनकारी बाहर गाडि़यों के शीशे फोड़ने लगे और सरकारी व प्राइवेट संपत्ति का भी नुकसान करने लगे। पास के ही चाणक्या होटल में भी कुछ लोगों ने घुसने की कोशिश की। कई पुलिस वालों की गाडि़यां तोड़ दी गई और उसमें आग लगाने की भी कोशिश की गई। आर ब्लॉक पर लोगों ने आगजनी भी की। स्थिति अनियंत्रित हो गई थी। इसके बाद ही सीनियर एसपी जितेन्द्र राणा वहां पहुंचे और वहां की स्थिति देखकर खुद चौंक पड़े। वहां कोई सीनियर आफिसर मौजूद नहीं था और न ही समुचित पुलिस बल। वे भी आक्रोशित हुए, मगर स्थिति तबतक बिगड़ चुकी थी खुद वे भी प्रदर्शनकारियों के बीच घिर चुके थे।

Point to be noted

ऐसे फेल रही पुलिस

- डाकबंगला चौराहा पर ही प्रदर्शनकारियों की भारी भीड़ दिखी, बावजूद पुलिस बल की पर्याप्त संख्या नहीं बुलाई गई।

-जब आर ब्लॉक गेट के गेट तोड़ने का प्रयास हो रहा था, फिर भी सतर्क नहीं हुए जिला प्रशासन के लोग।

-आर ब्लॉक पर जरूरत के मुताबिक पुलिस वाले मौजूद नहीं थे, पानी की बौछार करने वाली मशीन खराब हो गई थी।

-प्रशासन के पास कोई प्लान नहीं था कि भीड़ को कैसे नियंत्रित करना है।