PATNA : पटनाइट्स के लिए गुड न्यूज है। अब उन्हें जलमार्ग से प्रकृति की छटा देखने का अवसर मिलेगा। प्रदेश में जलमार्ग विकसित कर लोगों को लाभान्वित करने की दिशा में जहाजरानी मंत्रालय के अधीन भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण ने काम शुरू कर दिया है। अब इसी कड़ी में पटना से गंडक नदी को जोड़ते हुए वाल्मीकि नगर तक जलमार्ग विकसित करने का प्लान है। लगभग 300 किलोमीटर लंबेइस मार्ग में नदी को संरक्षित कर 700 टन तक के भार वाले छोटे जहाज चलाने के प्लान को लेकर पटना के गायघाट में निदेशक एके मिश्रा ने कहा कि इससे सामान की ढुलाई जहां सरल-सुगम होगी वहीं मनोरम प्राकृतिक छटा के बीच से होकर पर्यटक बिहार के रास्ते नेपाल स्थित हिमालय के पास तक पहुंच सकेंगे।

गायघाट से जुड़ जाएगा वाल्मीकि नगर

प्राधिकरण निदेशक के मुताबिक कि इस जल मार्ग पर चैनल मार्किंग का काम जारी है। गंडक में वाल्मीकि नगर तक जलमार्ग विकसित होते ही यह पटना के गायघाट स्थित बंदरगाह से जुड़ जाएगा। यहां तक हल्दिया व बनारस जलमार्ग से पहुंचने वाले सामान एवं पर्यटकों को छोटे जहाज के माध्यम से नेपाल तक भेजे जाने की योजना है। जहाजों के आवागमन में बाधक बनने वाले दो पुलों के बारे में भी मंत्रालय कार्ययोजना तैयार करने में लगा है।

-पर्यटन स्थल के रूप में होंगे विकसित

वाल्मीकि नगर बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले के सबसे उत्तरी भाग में नेपाल की सीमा के पास बेतिया से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर है। गंडक नदी के किनारे और हिमालय के समीप बसा यह नगर पर्यटन स्थल है। यहां एक राष्ट्रीय उद्यान है। वाल्मीकि नगर में विद्युत उत्पादन के लिए गंडक नदी के ऊपर एक बांध बना है इसका उद्घाटन पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने किया था। दूसरी ओर पटना स्थित गांधी घाट के ठीक सामने कालू घाट पर टर्मिनल का निर्माण कर कोलकाता एवं बनारस से आने वाले कंटेनर को यहां तक पहुंचाने की योजना पर भी प्राधिकरण काम कर रहा है। इस टर्मिनल निर्माण के लिए सरकार से जमीन आवंटित किए जाने की मांग की है। कालू घाट पर टर्मिनल बनते ही यहां तक पहुंचने वाले जहाज के बड़े कंटेनर वाले सामान को ट्रक में लोड कर नेपाल तक सड़क मार्ग से भेजा जाना बेहद आसान होगा।