वन टैक्स वन ट्रेड के फार्मूले से लोगों में है उत्साह, नुकसान कम, बताया फायदे ही फायदे

ALLAHABAD: जीएसटी इन दिनो जोर-शोर से चर्चा में है। जीएसटी (गुड्स एंड सर्विस टैक्स) को लेकर शुरू से ही एक वर्ग से विरोध तो दूसरे से समर्थन मिलता रहा है। इन दिनों खबरों में यही बताया जा रहा है कि क्या-क्या चीजें सस्ती हो जायेंगी? मंहगाई की मार से त्रस्त जनता के लिये यह किसी सपने से कम नहीं है। उसे विश्वास ही नहीं हो रहा कि मंहगाई कम होने वाली है। ऐसे में दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने जीएसटी के फायदे और नुकसान पर बातचीत के लिए मंच तैयार किया तो शहर के लोगों ने खुलकर अपनी राय रखी।

जीडीपी को लेकर हैं उत्साहित

प्रशांत गोस्वामी ने कहा कि जीएसटी लागू होने पर पूरे देश में सामान की खरीद पर एक जैसा ही टैक्स देना होगा। सरल भाषा में कहें तो पूरे देश में किसी भी समान की कीमत एक ही होगी। इससे व्यापार बढ़ेगा, रोजगार भी बढ़ेगा और देश की जीडीपी में भी ग्रोथ होगी। प्रशांत ने कहा कि देश की प्रमुख समस्यायें मंहगाई और बेरोजगारी हैं। उन्हें विश्वास है कि जीएसटी से ये दोनो समस्यायें बहुत हद तक कम होंगी।

बार बार टैक्स से मुक्ति

सुधीर कुमार राय ने कहा कि जीएसटी से कई बार टैक्स देने से छुटकारा मिल जाएगा। इससे कर की वसूली करते समय विभाग के अधिकारियों द्वारा हेराफेरी की संभावना भी कम हो जाएगी। इसका फायदा यह होगा कि एक ही व्यक्ति या संस्था पर कई बार टैक्स लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके अलावा जहां कई राज्यों में राजस्व बढ़ेगा तो कई जगह कीमतों में कमी भी होगी।

आम जनता के हित में

अशोक पांडेय ने कहा कि जीएसटी से केन्द्र को तो फायदा होगा। लेकिन राज्यों को इस बात का डर था कि इससे उन्हें नुकसान होगा। इसका कारण ये है कि इसके बाद वे कई तरह के टैक्स नहीं वसूले पाएंगे। इससे उनकी कमाई कम हो जाएगी। हालांकि, यह अच्छी बात है कि राज्यों का जो भी नुकसान होगा। केन्द्र उसकी भरपाई पांच साल तक करेगा। अशोक ने कहा कि इससे टैक्स का ढांचा पारदर्शी होगा। टैक्स विवाद में कमी आएगी। ऐसा नहीं है कि केवल आम जनता को ही इसका फायदा होगा। जीएसटी लागू होने पर कंपनियों और व्यापारियों को भी फायदा होगा। सामान एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने में कोई दिक्कत नहीं होगी।

जीएसटी का प्रस्ताव सबसे पहले एक्स। पीएम अटल बिहारी बाजपेई लाये थे। लेकिन इसे अब जाकर साकार रूप दिया जा सका है। इसका लाभ प्रत्येक वर्ग को मिलेगा। यह भारत को विश्व बाजार में मजबूती से स्थापित करेगा।

अशोक पांडेय

इसके लिये मानिटरिंग सिस्टम का होना बेहद जरूरी है। इससे अगर कोई दुष्प्रभाव दिखे तो उसे तुरंत ठीक किया जा सके। देश की अर्थव्यवस्था पहले से ही नाजुक है। ऐसे में हमें बिना रिस्क के आगे जाना है। दूसरे कई देशों में यह पहले ही लागू हो चुका है।

सुधीर कुमार राय

इसे बहुत पहले लागू किया जाना चाहिये था। यह सुधार की दिशा में सराहनीय कदम है। इसके नुकसान कम और फायदे ही फायदे हैं। कह सकते हैं कि यह मोदी सरकार का एक और मास्टर स्ट्रोक है। इससे दोहरे कराधान से परेशान जनता को मुक्ति मिलेगी।

अमित दुबे

इससे संसाधनों का उचित उपयोग भी सुनिश्चित होगा। देश की विकास दर बढ़ेगी, राजस्व में वृद्धि होगी तो जाहिर है जनता ही इससे लाभान्वित होगी। यह सरकार का अच्छा कदम है। इससे सरकार की मंशा भी पता चलती है। मुझे इसका नुकसान कम नजर आता है।

अरूण कुमार

वन टैक्स वन ट्रेड किसी सपने के पूरा होने जैसा है। हम ही तो कहते थे कि हर चीज पर टैक्स देना पड़ रहा है। सरकार आम आदमी के लिये काम कर रही है। यह उसके फैसले से महसूस होता है। मोदी जी डिसीजन मेकर हैं। हमें उनके फैसलों पर गर्व होना चाहिये।

नवीन राय

जो लोग विरोध कर रहे हैं, या तो उन्हें मुद्दे की समझ नहीं है या वे देश का भला नहीं चाहते। मुझे पक्का विश्वास है कि भले ही भाजपा की सरकार प्रचंड बहुमत में हो, लेकिन इसमें अगर नुकसान छुपा होता तो प्रजातंत्र में फिर भी इसे लागू कर पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन हो जाता।

नितेश राव

सभी राज्यों को इसे लागू करने में देर नहीें करनी चाहिये। कहीं न कहीं इससे राज्यों की दादागिरी भी खत्म होगी। फिर भी सरकार ने क्षतिपूर्ति देने की बात तो की ही है। टैक्स स्लैब का निर्धारण भी सोच समझकर किया गया है।

रविकांत