धूल, धुए, गड्ढे और जाम से लोग हो रहे परेशान

कमर दर्द के साथ आंख और स्किन में हो रहा इंफेक्शन

vineet.tiwari@inext.co.in

ALLAHABAD: शहर के विकास के लिए काम फुल स्पीड में चल रहे हैं। एक साल बाद इन कार्यो के पूरा हो जाने पर शहर का नक्शा बदला हुआ होगा। इसका ट्रेलर कुंभ से पहले ही दिख जाएगा। यह पॉजिटिव पहलू है तो इसका दूसरा पहलू यह है कि शहर का हर दूसरा व्यक्ति किस न किसी बीमारी की चपेट में है। सबसे ज्यादा झेल रहा है इंसान का शरीर। आंख, स्किन, फेफड़ों में धूल से इंफेक्शन के मामले बढ़ रहे हैं तो कमर में दर्द और डिप्रेशन के मरीज भी ओपीडी में दस्तक देने लगे हैं।

प्राब्लम नंबर वन- एलर्जी और अस्थमा

लक्षण- खांसी, सांस फूलना, सीने में जलन, कमजोरी और बलगम आना।

कारण- सड़कों पर उड़ने वाली धूल और जाम में फंसी गाडि़यों से निकला धुआं

बचाव- चेहरे पर मास्क लगाकर निकलें। दमा के मरीज साथ में इन्हेलर रखें।

इस साल कितने बढ़ गए मरीज- 10 फीसदी

धूल और धुएं की वजह से शहर में एयर पाल्यूशन काफी बढ़ गया है। इसकी वजह से खांसी और सांस फूलने के कई मरीज आ रहे हैं। इनकी संख्या में भी तेजी से इजाफा हुआ है। इनमें सभी एज वर्ग के लोग शामिल हैं।

डॉ। आशुतोष गुप्ता, चेस्ट फिजीशियन

प्राब्लम नंबर दो- आंख में इंफेक्शन

लक्षण- आंख में पानी आना, लालपन, दर्द और खुलने में दिक्कत।

कारण- धूल और पसीने की वजह से आंखों में पनप रहे हानिकारक वायरस और बैक्टीरिया।

बचाव- आंखों पर चश्मा लगाए और ठंडे पानी से धोते रहें।

दो माह में बढ़ी मरीजों की संख्या- 15 फीसदी

धूल की वजह से आंखों में इंफेक्शन के मामले बढ़ रहे हैं। अक्सर सिर से बहता हुआ पसीना भी आंखों में जाकर दिक्कत पैदा करता है। अगर आंख में गंदगी और पानी आने लगा है तो डॉक्टर को दिखाएं।

डॉ। एमके अखौरी, आई स्पेशलिस्ट

प्राब्लम नंबर तीन- शरीर में खुजली और दाने

लक्षण- स्किन में लाल दाने, खुजली और रुखापन।

कारण- धूल और धुएं की वजह से स्किन पर हो रहा इंफेक्शन।

बचाव- स्किन पर सनस्क्रीन लगाएं और शरीर को धूल से बचाकर रखें।

दो माह में बढ़े हुए मरीजों की संख्या- 20 फीसदी

प्राब्लम नंबर चार- कमर में दर्द

लक्षण- बैठने, झुकने और चलने में कमर में दर्द होना।

कारण- सड़कों पर गड्ढे होने से कमर पर पड़ रहा अधिक प्रेशर।

बचाव-वाहन धीरे चलाएं और एक्सरसाइज करने के साथ डॉक्टरी सलाह लें।

बढ़े मरीजों की संख्या- 10 फीसदी

बाइक चलाने में कमर पर शरीर का बोझ आ जाता है और झटके लगने से दर्द होता है। अधिक समय तक इसे नजर अंदाज करने से दर्द सीवियर होने लगता है। इसलिए बेहतर होगा कि ऐसे रास्तों से बचकर चलें।

डॉ। जितेंद्र जैन, आर्थोपेडिक सर्जन

प्राब्लम नंबर पांच- झुंझलाहट, गुस्सा और डिप्रेशन

लक्षण- बात-बात पर चिढ़ना और बाहर से आने के बाद स्थिर नही रहना।

कारण- रोजाना जाम में फंसना अहम कारणों में से एक हो गया है।

बचाव-मन शांत रखें और दवाओं के साथ मेडिटेशन का सहारा लें।

बढ़े हुए मरीजों की संख्या- 3 से 5 फीसदी

ओपीडी में आने वाले डिप्रेशन के मरीजों में जाम, धूल और सड़कें भी कारण बनकर सामने आ रहे हैं। इससे उनकी घरेलू और प्रोफेशनल लाइफ प्रभावित हो रही है। इनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं।

डॉ। राकेश पासवान, सायकियाटिस्ट