जनसंख्या: 25000

वोटर्स की संख्या: 14000

मोहल्ले: बेलीगांव, बेली कॉलोनी, ऊंचवागढ़ी, ओमनगर और गंगानगर

-अपने ही वार्ड में गैरों की तरह जीने को मजबूर हैं गंगानगर-ऊंचवागढ़ी के लोग

-सड़क, पानी और सीवर लाइन कनेक्शन तक को तरस रहे हैं क्षेत्र में रहने वाले

ALLAHABAD: अपने ही घर में बेगानों की तरह जीने को मजबूर हैं गंगानगर वार्ड के ऊंचवागढ़ी के लोग। पांच साल पहले वार्ड का जो हाल था, आज भी वही है। रोड और गलियों की समस्या पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। इलाके में टूटी गलियां, पीने के पानी की समस्या से लेकर साफ सफाई सब कुछ अस्त-व्यस्त है।

सड़क

मेन सड़क से गली में प्रवेश करते ही इधर उधर बिखरे पत्थर स्वागत करते हैं। गलियों में वाहन तो दूर पैदल चलना भी मुश्किल है। क्षेत्र की हर गली की दशा यही है। कई बार शिकायत के बाद भी कोई कार्य नहीं किया गया।

पानी

पानी सप्लाई की व्यवस्था भी एरिया में बेहद खराब है। ज्यादातर एरिया में सप्लाई ही नहीं है। लोगों को पीने के पानी के लिए भी जूझना पड़ता है। दूर दराज एरिया से पीने के पानी की व्यवस्था करनी पड़ती है। बाढ़ में हालात और खराब हो जाते हैं।

सफाई

क्षेत्र में कई दिनों तक कूड़ा उठाने और झाड़ू लगाने कोई आता ही नहीं है। लोगों को खुद पैसे देकर सफाई करानी पड़ती है। लेकिन दो दिन में फिर वही हाल हो जाता है। सफाई प्रॉपर नहीं होने से संक्रामक बीमारियां भी फैलती रहती हैं।

ड्रेनेज

आम दिनों में भी लोगों को पानी की निकासी के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। क्षेत्र के नाले लंबे समय से चोक हैं। उनमें गंदगी भरी पड़ी है। सीवर लाइन के लिए पाइप पड़ी है, लेकिन अभी तक किसी भी घर का कनेक्शन नहीं हो सका है।

बिजली

गंगानगर ऊंचवागढ़ी की गलियों में बिजली के तार हवा में झूलते रहते हैं। इसका कारण है गलियों में खंभे न होना। लोगों को दूर स्थित खंभे से तार खींचकर घर तक बिजली पहुंचानी पड़ती है और तार हवा में झूलते रहते हैं। अक्सर खतरे का डर बना रहता है।

वार्ड बोलता है

क्षेत्र में बिजली, पानी, सड़क और साफ सफाई की व्यवस्थाएं लगातार बदतर होती जा रही हैं। इस बारे में कोई सुनवाई करने वाला नहीं है।

सीमा

सड़क और गलियों के किनारे पर कई दिनों तक कूड़े का ढेर लगा रहता है। इससे आवारा जानवर भी वहां लगे रहते हैं। अधिकारी इससे वाकिफ हैं, लेकिन सुनवाई करने वाला कोई नहीं है।

अफसाना बेगम

कई सालों से एरिया में कोई काम नहीं हुआ है। गलियां सालों से टूटी हैं। उनकी खोज खबर लेने वाला कोई नहीं है। आखिर कब तक लोग परेशान होते रहेंगे।

हजरा बेगम

गलियों की हालत ऐसी है कि जरा सी बारिश में लबालब भर जाती हैं। नाले कई महीनों से जाम हैं, लेकिन उनकी सफाई की व्यवस्था करने वाला कोई नहीं है।

इरशाद

पब्लिक डिमांड

-सड़क पर जहां भी कूड़ा इकट्ठा करने की जगह है। वहां आवारा पशुओं का आतंक रोकने की व्यवस्था हो

-नालियां और नालों की सफाई की नियमित व्यवस्था हो। जिससे पानी गलियों में ना भरने पाये

-गलियों की मरम्मत करायी जाए। जिससे लोगों को आने जाने में दिक्कत ना हो

-सीवर लाइन बिछ गई है तो उसके कनेक्शन की व्यवस्था करायी जाए

सफाई - 10 में 2 अंक, बिजली 10 में 4 अंक, सड़क 10 में 1 अंक

निवर्तमान पार्षद के जवाब

पांच साल में कौन-कौन से काम किए?

पार्षद: क्षेत्र के कई एरिया में इंटरलाकिंग के जरिए गलियां दुरुस्त करायी है। अभी तक ओम नगर में दिनेश तिवारी के घर से आशा शर्मा के घर से होते हुए रामफेर मौर्या रास्ते से होते हुए उमाशंकर त्रिपाठी के घर तक की इंटर लाकिंग के लिए 24 लाख का टेंडर हुआ था। इसके साथ ही क्षेत्र में श्याम किशोर यादव के घर से विनय कुमार झा के घर से होते हुए हमीदा बानो के घर तक भी नालियां के निर्माण और इंटर लॉकिंग के लिए 35 लाख का टेंडर हुआ था। लेकिन ठेकेदारों की लापरवाही के कारण काम नहीं हो सका। पांच साल में कुल चार करोड़ का काम नगर निगम, डूडा समेत तीन विभाग के जरिए कराया। वार्ड के 12 नम्बर गली में 50 मीटर तक का काम बचा है। क्षेत्र में कई जगहों पर ट्रांसफामर लगाने के लिए चबुतरा बनकर तैयार है और आगे कार्य चल रहा है। गलियों में पोल लगने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है।

वार्ड की सबसे बड़ी समस्या क्या है?

पार्षद: क्षेत्र में पानी एक बड़ी समस्या है। इसके लिए जरूरी है कि बड़ा ट्यूबेल लगवाया जाए। इसमें भी सबसे बड़ी समस्या ओम नगर की है। इसके अलावा विद्युत विभाग द्वारा तार खींचे गए हैं, लेकिन ट्रांसफार्मर नहीं लगाया गया है। सीएमओ आफिस के बगल से ढाल वाली गली में तीन विद्युत पोल सड़क के बीचों बीच लगे हैं। जबकि उनके तारों को साइड में पोल लगाकर शिफ्ट कर दिया गया है।