-150 के करीब कुल ट्रेनों का होता है आवागमन

-01 लाख लोग आमतौर पर मौजूद होते हैं जंक्शन पर एक बार में

-80 किमी है नेपाल से दूरी, नौतनवां तक जाती है ट्रेन

- विक्षिप्तों की हालत में दिन-रात जंक्शन पर जमे रहते हैं सैकड़ों संदिग्ध

- आज तक कभी न तो इनकी तलाशी ली गई और न चला अभियान

GORAKHPUR: एक ओर यूपी में आतंकी हमले का खतरा है। नेपाल बॉर्डर से गोरखपुर में आतंकियों के घुसने का इनपुट है। लेकिन दुनिया के सबसे बड़े जंक्शन पर जो हालात हैं, उससे तो लगता है कि किसी को कोई परवाह नहीं है। रेलवे जंक्शन पर एक-दो नहीं, बल्कि सैकड़ों की संख्या में संदिग्ध दिख जाएंगे। पहनावे और रहन-सहन से तो विक्षिप्त जैसे लगेंगे, लेकिन ये कौन हैं, इस बारे में किसी को कुछ नहीं पता और यही सबसे बड़ी चिंता की बात है। फिलहाल जो हालात हैं, उनमें कब कौन कहां खतरे का सबब बन जाए कुछ नहीं कह जा सकता। ऐसे में रेलवे जंक्शन पर बिना किसी पहचान के इनकी मौजूदगी से कभी भी शहर की सुरक्षा दांव पर लग सकती है।

जंक्शन पर डाल रखा है डेरा

रेलवे स्टेशन के विभिन्न प्लेटफार्मो से लेकर सर्कुलेटिंग एरिया में ऐसे दर्जनों संदिग्धों का हमेशा डेरा जमा रहता है। इनकी वेश-भूषा देख इन्हें या तो लोग पागल समझेंगे या फिर भीख मांगने वाले, लेकिन इनकी हकीकत क्या है तो फिलहाल कोई नहीं जानता। जीआरपी व आरपीएफ भी इन्हें पागल या भिखारी समझकर कोई खास ध्यान नहीं देती। लेकिन इस आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता कि यह रेकी कर रहे होंगे। ऐसे में अगर कोई आतंकी भी रेलवे स्टेशन पर इस हालत में छिपा रहता है तो इससे यह जाहिर है कि उसे पकड़ पाना या उसपर शक करना सुरक्षा एजेंसियों के लिए बेहद मुश्किल होगा।

इसलिए गोरखपुर संवेदनशील

- आईएस की सक्रियता को लेकर एमपी पुलिस और यूपी एटीएस जारी कर चुकी है अलर्ट।

-बिहार व नेपाल बार्डर के रास्ते साधु के वेश में आतंकियों के आने की जताई गई है आशंका।

-सीएम योगी आदित्यनाथ का शहर और नाथ संप्रदाय का बड़ा गढ़।

- गोरखनाथ मंदिर में ही सीएम योगी आदित्यनाथ का है निवास।

-एनईआर हेडक्वार्टर होने की वजह से भी यह काफी संवेदनशील।

-------------

मुसीबत को दावत देते खुले रास्ते

- धर्मशाला और चारफाटक की ओर से प्लेटफार्म नंबर 2 पर।

- प्लेटफार्म नंबर एक पर बने दिव्यांगों को रास्ते से वेटिंग हॉल में एंट्री।

- प्लेटफार्म नंबर 1 पर कैबवे के रास्ते सीधा जीआरपी थाने पर एंट्री।

- प्लेटफार्म नंबर 2 पर पुराने पार्सल ऑफिस के रास्ते खुली एंट्री।

- धर्मशाला ओवरब्रिज के रास्ते सीधा प्लेटफार्म नंबर 2 पर एंट्री।

- सेकेंड एंट्री गेट की तरफ से प्लेटफार्म नंबर 9 पर खुला रास्ता।

---------------

मिलती रही है जंक्शन को उड़ाने की धमकी

- 23 जनवरी 2017 को पुलिस कंट्रोल रूम में फोन कर दी गई थी स्टेशन पर बम होने की सूचना।

- अप्रैल 2016 में इंटरनेट कॉल से पुलिस को फोन रेलवे स्टेशन को बम से उड़ाने की मिली धमकी।

- 28 अक्टूबर 2015 को भी कंट्रोल रूम में फोन कर जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर एक पर दी गई थी बम की सूचना।

-10 सितंबर 2015 को छपरा-इंटरसिटी में बैठे पैसेंजर के मोबाइल पर फोन कर दी गई थी ट्रेन में बम होने की सूचना।

- 22 अगस्त 2015 को रेलवे के जीएम के मोबाइल पर मैसेज कर दी गई थी गोरखपुर व कप्तानगंज स्टेशन को उड़ाने की धमकी।

वर्जन

स्टेशन परिसर में किसी भी तरह के संदिग्ध व्यक्तियों का घूमना गंभीर विषय है। इसके लिए तत्काल आरपीएफ को निर्देशित किया जाएगा कि इन्हें चिन्हित कर तत्काल हटाया जाए। रेलवे की सुरक्षा में किसी तरह की लापरवाही नहीं बरती जाएगी।

-राजाराम, चीफ सिक्योरिटी कमिश्नर, एनई रेलवे

गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर प्रतिदिन चार दर्जन से ज्यादा संदिग्ध मिल जाएंगे जो फटेहाल घूमते रहते हैं। मानसिक विक्षिप्तों जैसे दिखने वाले इन पागलों के बीच कौन कितना दुर्दात अपराधी है, इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। जंक्शन पर स्माइल रोटी बैंक का सामना अक्सर ऐसे विक्षिप्तों से पड़ता रहता है। अगर रेलवे प्रशासन की मदद मिले तो इन विक्षिप्तों को स्टेशन से हटाया जा सकता है।

-आजाद पांडेय,

चीफ कैंपेनर, स्माइल रोटी बैंक