- हत्या, लूट का आरोपी करता रहा ठेकेदारी

- 25 साल से तैनात कर्मचारी भी बने सहयोगी

GORAKHPUR: नगर निगम में क्रिमिनल रिकॉर्ड वालों के दबदबा कायम होने से पब्लिक को प्रॉब्लम झेलनी पड़ रही है। आपराधिक मामलों में लिप्त रहे कर्मचारियों की बदौलत क्रिमिनल माइडेंड ठेकेदार काम करा रहे हैं। चिलुआताल एरिया में हुए मर्डर में ठेकेदार की तलाश में जीएमसी में सक्रिय आपराधिक प्रवृति के लोगों की पोल खुलनी शुरू हो गई है। कुछ लोग पुलिस को मैनेज करने का प्रयास कर रहे तो कुछ लोग छुट्टी लेकर फरार हो गए हैं। पुलिस का कहना है कि विभिन्न आपराधिक गिरोहों से जुड़े लोग नगर निगम में एक्टिव हैं। इनमें फर्जी चरित्र प्रमाण पत्र के जरिए ठेकेदारी करने वालों पर शिकंजा कसा जाएगा।

शातिर अंदाज आया सामने, जारी ईनाम

सात अप्रैल को चिलुआताल एरिया के रामपुर निवासी विकास चौधरी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुरानी रंजिश को लेकर हुए मर्डर में रामपुर के शिवदयाल पांडेय सहित छह लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया गया। विकास के ममेरे भाई शिवदास ने अपनी तहरीर में बताया कि वह विकास के साथ बंधे के पास बात कर रहा था। तभी शिवदयाल पांडेय ने उसके सीने में गोलियां दाग दी। मुकदमे में नामजद शिवदयाल पांडेय, जितेंद्र, रामदयाल, सिंटू, पिंटू और सिरमती की तलाश में पुलिस जुटी है। पुलिस की जांच में सामने आया कि शिवदयाल काफी शातिर किस्म का है। इसलिए पुलिस ने उसके खिलाफ 15 हजार रुपए का ईनाम घोषित कर दिया।

गैंग से पस्त अफसर, कौन उठाए आवाज

जांच पड़ताल में पुलिस को पता लगा कि शिवदयाल के खिलाफ कई मामले दर्ज हैं। वह फर्जी तरीके से नगर निगम और जलकल में ठेकेदारी करता है। जलकल के एक जेई उस पर काफी मेहरबान रहते हैं। नगर में कार्यरत एक ड्राइवर, जूनियर इंजीनियर और जूनियर इंजीनियर के रिश्तेदार की मदद से ठेकेदारी झूमकर चलती है। आपराधिक छवि का होने की वजह से इनके खिलाफ कोई कर्मचारी बोल नहीं पाता है। पुलिस का दावा है कि बलिया के शातिर बदमाश छोटू चौबे की भी गहरी पैठ इनके बीच है। उसके गैंग के सोनू सहित कई शातिर बदमाश इनके संपर्क में रहते हैं। पुलिस का कहना है कि इस गैंग की मदद करके जूनियर इंजीनियर ने काफी प्रॉपर्टी बना ली। जेई के साथ-साथ कुछ अन्य लोग भी इन आपराधिक छवि वालों की मदद करते रहते हैं। चिलुआताल पुलिस ने शिवदयाल की ठेकेदारी का लाइसेंस कैंसिल कराने के लिए कार्रवाई शुरू कर दी है। कुर्की के लिए सोमवार को पुलिस ने उसके घर मुनादी भी कराई थी।

कई बार विवाद, आपराधिक छवि का बोलबाला

जीएमसी में आपराधिक छवि के लोगों के दखल से पब्लिक का काम नहीं हो पाता है। आपराधिक छवि के ठेकेदारों और कर्मचारियों के जुड़ाव से संगठित गिरोह एक्टिव रहता है। इस चक्कर में कई बार आपराधिक गुटों, कर्मचारियों और ठेकेदारों में भिड़ंत हो चुकी है। शातिर बदमाशों की दखलंदाजी से नगर निगम के अधिकारी भी सहमे रहते हैं। ऐसे लोगों पर शिकंजा कसने की हिम्मत वह नहीं जुटा पाते हैं। जीएमसी के पूर्व चीफ इंजीनियर पर हमला, अन्य कर्मचारियों के साथ आधा दर्जन से अधिक मारपीट की घटनाएं कैंपस में हो चुकी हैं। कैंपस में आपराधिक छवि के लोगों की सक्रियता पर अधिकारियों की चुप्पी भी सवाल खड़े करती है।

वर्जन

शिवदयाल पांडेय फर्जी तरीके से कागजात बनवाकर नगर निगम में ठेकेदारी करता था। उसका लाइसेंस कैंसिल कराने के लिए रिपोर्ट भेजी जा चुकी है। अभियुक्तों की तलाश में पुलिस की टीम अलग-अलग प्रदेशों में भेजी गई है।

- रोहित सहजवान, एसपी नॉर्थ