आगरा। बाजारों और मॉल्स में इत्र, गुलाब जल, फेस पैक आदि प्रोडक्ट तरह-तरह की कंपनियों के उपलब्ध है। इसकी शुद्धता से सभी वाकिफ है। इनमें केमिकल की मात्रा अच्छे लेवल पर होती है। इन सबसे परे दयालबाग शिक्षण संस्थान अपने छात्रों को इत्र, गुलाब जल, फेस पैक आदि बनाने का प्रशिक्षण संस्थान की लैब में ही दे रहा है। इसमें 100 प्रतिशत शुद्धता है।

कई हजार गुलाब के पौधे लगाए

दयालबाग शिक्षण संस्थान के एल्पाइड बॉटनी में इन दिनों गुलाब से कई तरह के प्रोडक्ट तैयार किए जा रहे है। बता दे कि संस्थान के बॉटनी डिर्पाटमेंट की ओर से दयालबाग के बहादुर पुर क्षेत्र के तीन बीघा जमीन पर गुलाब की खेती की जा रही है। जिसमें तकरीबन दो हजार गुलाब के पेड़ लगाए गए है। बहादुरपुर क्षेत्र की बंजर जमीन पर पिछले साल अगस्त में गुलाब की खेती की गई थी। जिससे अब हर रोज चार किलो गुलाब निकलता है। इन फ्रेश गुलाब से संस्थान कई तरह के प्रोडक्ट बनाने में जुटा हुआ है।

100 प्रतिशत है प्रोडक्ट में शुद्धता

दयालबाग शिक्षण संस्थान के बॉटनी डिर्पाटमेंट में तैयार किए जा रहे गुलाब से बने प्रोडक्ट में सौ प्रतिशत शुद्धता है। विभाग छात्र-छात्राओं को गुलाब से कई तरह के प्रोडक्ट तैयार करके स्वरोजगार एवं बेकार गुलाबों का प्रयोग करने का प्रशिक्षण दे रहा है। प्रो। जे.एन। श्रीवास्तव, विभागध्यक्ष बॉटनी डिर्पाटमेंट, डीईआई ने बताया कि विभाग ने बहादुरपुर क्षेत्र की तीन बीघा जमीन पर गुलाब की खेती की है। टूटे एवं सूखे हुए गुलाब का किस तरह सही दिशा मे ंप्रयोग किया जा सकता है इसका प्रशिक्षण विभाग गुलाब से फेस पैक, गुलाब जल, गुलाब का शरबत, गुलाब पाउडर आदि बनाकर दे रहा है।