GORAKHPUR: गोरखपुर जैसे शहर में पेट्रोल पंप पर आम तौर पर लड़कियां काम नहीं करतीं, वह भी बतौर सेल्समैन। लेकिन, सकीना खातून ने 'कोई भी काम छोटा नहीं होता' की सोच के साथ सेल्समैन की नौकरी से स्टार्ट की और वाकई उसकी जॉब छोटी नहीं रही। इस समय वह उसी पेट्रोल पंप की मैनेजर है। पिता ड्राइविंग करते थे लेकिन उम्र के साथ थकान बढ़ती गई और पिता की जिम्मेदारी बिटियां ने अपने कंधो पर ले ली। अब वह खुद तो पढ़ती ही है, अपने जॉब के जरिए अपने दो भाइयों की पढ़ाई-लिखाई के साथ घर का भी खर्च चलाती है।

मुश्किल से चल रहा था घर

रमवापुर के मो। हुसैन ड्राइवर हैं। बड़ी लगन से कमाते रहे और अपने दो बेटों के साथ बेटी सकीना को भी पढ़ाते रहे। लेकिन उम्र बढ़ने के साथ ड्राइविंग मुश्किल हो गई और इसी के साथ घर चलाना भी मुश्किल होता चला गया। उन्होंने बेटी सकीना से तो कुछ नहीं कहा लेकिन बिटिया ने खुद ही पिता की जिम्मेदारी अपने सिर ले ली। आर्थिक तंगी के कारण ही सकीना की पढ़ाई 11वीं के बाद रुक गई लेकिन उसने ठान लिया कि भाइयों साहिल (12), समीर (8) की पढ़ाई नहीं रुकने देगी। इसके लिए वह जॉब ढूंढने लगी।

सेल्समैन से शुरुआत

जॉब की जरूरतमंद बेटी काली मंदिर स्थित पेट्रोल पंप के मालिक विनोद कुमार से मिली। जनवरी मंथ में सकीना के इंटरव्यू के आधार पर पेट्रोल पंप ऑनर ने सेल्समैन की नौकरी दे दी। कुछ दिनों बाद उसके कामकाज से प्रभावित होकर मैनेजर की जिम्मेदारी सौंप दी। अब सकीना न सिर्फ अपने घर का भरण-पोषण करती है बल्कि अन्य लड़कियों के लिए नजीर बन गई है।