पिछले एक साल में सिर्फ 2 लोगों ने कराया अपने पालतू कुत्ते का रजिस्ट्रेशन

निगम के बजट में कुत्तों से 10 हजार टैक्स वसूली का टारगेट, मिले सिर्फ 20 रुपए

BAREILLY:

शहर के आवारा कुत्तों की आबादी और उनकी अराजकता पर लगाम कसने में अक्सर नाकाम रहने वाला नगर निगम पालतु कुत्तों के सामने भी पूरी तरह घुटने टेके हुए है। निगम के जिम्मेदार शहर में पालतू कुत्तों का रजिस्ट्रेशन कराना तो दूर उनकी संभावित तादाद का आंकड़ा पता करने में भी फिसड्डी रहे हैं। निगम के स्वास्थ्य विभाग की स्मार्ट वर्किंग का अंदाजा इसी से लग जाएगा कि रिका‌र्ड्स के मुताबिक शहर में सिर्फ दो ही घरों में पालतू कुत्ते हैं। जिनका साल ख्0क्ब्-क्भ् के दौरान निगम में रजिस्ट्रेशन कराया जा सका है। इंसानों के बर्थ व डेथ के सर्टिफिकेट ऑनलाइन बनाने वाले हाइटेक निगम पालतू कुत्तों के मामले में बेहद पिछड़ा साबित हुआ है।

नजरअंदाज रही कवायद

निगम के जिम्मेदार शहर में पालतू कुत्तों का रजिस्ट्रेशन कराने की सरकारी कवायद में बुरी तरह फ्लॉप रहे। शासनादेश के मुताबिक शहर में कुत्ते पालने वाले पेट लवर्स को अपने पालतू का रजिस्ट्रेशन निगम में कराना जरूरी है। रजिस्ट्रेशन फीस क्0 रुपए है। साल ख्0क्ब्-क्भ् में आजाद नगर निवासी विश्वनाथ वर्मा और पवन विहार निवासी दिशा विश्वकर्मा ने ही निगम में अपने पालतू का रजिस्ट्रेशन कराया। बावजूद इसके निगम ने इस नियम को फॉलो कराने और रजिस्ट्रेशन से अपनी आय बढ़ाने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई।

टारगेट क्0 हजार, वसूली ख्0 रुपए

निगम के बजट में आय की एक मद कुत्तों पर कर नाम से भी है। इस मद में साल भर के बजट में कुत्तों के रजिस्ट्रेशन से क्0 हजार की इनकम का टारगेट तय किया गया है। मोटे अनुमान के मुताबिक शहर भर में कम से कम एक हजार पालतू कुत्तों का होना इस टारगेट राशि की वजह रही। लेकिन सितंबर ख्0क्ब् तक इस मद में सिर्फ क्0 रुपए की आय निगम को हुई। वहीं सितंबर के बाद मार्च ख्0क्भ् तक निगम की इस मद में क्0 रुपए का और इजाफा हो गया। बोर्ड व कार्यकारिणी की बैठक में इस मद में पिछले कई साल से आय न हो पाने के बावजूद जनप्रतिनिधियों ने भी इसकी वजह पूछने में रूचि नहीं ली।

सफाई इंस्पेक्टर-नायक जिम्मेदार

शहर में पालतू कुत्तों का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग हर लेवल पर नक्कारा साबित हुआ। पेट लवर्स के अपने पालतू कुत्तों का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए आगे न आने पर, विभाग की ओर से भी न तो कोई नोटिस भेजी गई और न ही चालान काटने की कार्रवाई की गई। सफाई इंस्पेक्टर्स व सफाई नायकों पर ही अपने एरिया के पालतू कुत्तों की पहचान कर उनके मालिकों की जानकारी विभाग को देने का जिम्मा है। लेकिन किसी सफाई इंस्पेक्टर या सफाई नायक अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई।

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शहर के पालतु कुत्तों के रजिस्ट्रेशन की कवायद सुस्त रही। इसके लिए एरिया के सफाई इंस्पेक्टर्स व सफाई नायकों से जवाब-तलब किया जा रहा है। अपने काम में गैर जिम्मेदार रहे लोगों को नोटिस भेजी जा रही है। - डॉ। एसपीएस सिंधु, नगर स्वास्थ्य अधिकारी