असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को मिलेगी बड़ी राहत

अभी तक भविष्य निधि यानी पीएफ और पेंशन की सुविधा सिर्फ संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए है। नियोक्ता कर्मचारियों के पीएफ और पेंशन के लिए पंजीकरण कराते हैं। कर्मचारी खुद अपना पंजीकरण नहीं करा सकते। लेकिन नये कानून के तहत अब कर्मचारी खुद भी अपना पंजीकरण करा सकेंगे। असंगठित क्षेत्र में श्रमिकों को देश में किसी प्रकार की सामाजिक सुरक्षा नहीं मिलती है। इसके लिए केंद्र सरकार के नये मसौदे में प्रावधान किया गया है। इसके तहत 50 करोड़ श्रमिकों को पीएफ और पेंशन जैसे सोशल सिक्योरिटी का लाभ दिया जाएगा। सरकार को उम्मीद है कि इससे बड़ी संख्या में काम कर रहे दिहाड़ी मजदूरों, ट्रक चालकों, छोटे दुकानदारों के यहां काम करने वाले श्रमिकों को लाभ पहुंचेगा। ऐसे श्रमिक खुद अपना पंजीकरण करा सकेंगे।

ऐसे लाए जाएंगे श्रमिक सोशल सिक्योरिटी में

नये मसौदे के मुताबिक पंजीकरण के लिए सेंट्रल बोर्ड गाइन लाइन बनाएगा। ग्राम पंचायत और नगर निगम को पंजीकरण का काम दिया जाएगा। इसके अलावा स्टेट बोर्ड श्रमिकों को पंजीकरण के लिए पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल के तहत भी पंजीकरण की व्यवस्था की जाएगी। साथ ही एक यूनिवर्सल रजिस्ट्रेशन सिस्टम तैयार किया जाएगा। इसमें सभी काम करने वाले वर्कर्स का पंजीकरण सुनिश्चित किया जाएगा। सभी पंजीकरण आधार के बेस पर किया जाएगा। ताकि किसी भी प्रकार के फर्जीवाड़े पर लगाम लगाई जा सके।

इम्प्लॉयर नहीं कराएगा पंजीकरण तो जुर्माना

संगठित क्षेत्र में कर्मचारियों की सोशल सिक्योरिटी यानी पीएफ और पेंशन के लिए पंजीकरण कराने की जिम्मेदारी इम्प्लॉयर या कंपनी की होती है। एक तय समय तक कंपनी यह काम नहीं कर पाती तो सरकार उन पर जुर्माना लगाएगी। नये मसौदे में इस बात का प्रावधान किया गया है कि कंपनी तय समय सीमा के भीतर पंजीकरण न कराए तो कर्मचारी खुद अपना पंजीकरण करा सकेगा। यह सुविधा संगठित और गैर संगठित क्षेत्र हर क्षेत्र के श्रमिकों के लिए बनाई गई है। आने वाले समय में यह मसौदा लोगों को सामाजिक सुरक्षा दिलाने में मदद करेगा।

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