RANCHI रांची यूनिवर्सिटी के पीजी योगा डिपार्टमेंट में योगा में पीएचडी की पढ़ाई कराने की तैयारी चल रही है। इस कोर्स को स्टूडेंटस का भी बेहतर रिस्पांस मिला है और 100 सीटों पर एडमिशन हो चुका है। दो साल के इस कोर्स में चार सेमेस्टर की पढ़ाई होगी। मालूम हो कि इस कोर्स का उदघाटन 19 दिसंबर को किया गया था। पीजी योगा कोर्स की डायरेक्टर टुल्लू सरकार आर्ट ऑफ लिविंग से कई सालों से जुड़ी रही हैं। उनके निर्देशन में यह डिपार्टमेंट बहुत आगे बढ़ेगा।

मिल रहा बेहतर रिस्पांस

पीजी योगा कोर्स के कोर्स को-ऑर्डिनेटर डॉ आनंद ठाकुर ने बताया कि योग को लेकर हम हजारों साल से आगे बढ़ रहे हैं। योग में पीएचडी कराने की हमारी योजना है। इसके अलावा योगा डिपार्टमेंट को रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर के रुप में विकसित किया जायेगा। योग पर जो रिसर्च होंगे, उसमें शरीर पर इसके मानसिक और आर्थिक प्रभावों पर भी अध्ययन किया जाएगा। योगा में पीएचडी कोर्स को रिस्पांस बहुत अच्छा है।

योगा ट्रेनर्स की बढ़ रही डिमांड

रांची यूनिवर्सिटी के वीसी डॉ रमेश कुमार पांडेय ने बताया कि योग में अपार संभावनाएं हैं। इसके लिए न फंड की दिक्कत है न इसके प्रशिक्षित लोगों के लिए नौकरियों की। आइटी का जमाना खत्म हो चुका है और विदेशों में योग शिक्षकों की जबर्दस्त डिमांड है। योग का प्रशिक्षण ले चुके लोग भी केवल इसलिए विदेश नहीं जा पाते या नौकरी प्राप्त नहीं कर पाते, क्योंकि उनके पास कोई डिग्री नहीं होती। रांची यूनिवर्सिटी उन्हें डिग्री देगी और उनके सपनों को पंख लगेंगे।

करियर बनाने के बेहतरीन मौका

पीजी में योगा की डिग्री प्राप्त करने के बाद अवसरों की कोई कमी नहीं है। इससे नेट या जेआरएफ किया जा सकता है। इसमें पीएचडी हो सकती है। स्कूलों में योगा ट्रेनर के रुप में अवसर है। वहीं महिलाएं घर में योग सेंटर या क्लीनिक चला सकती हैं। विदेशों में भी योग प्रशिक्षक की नौकरी हासिल कर नाम और दाम दोनों कमाया जा सकता है।

योग में पीजी डिग्री देनेवाला पहला संस्थान

रांची यूनिवर्सिटी योग में पीजी की डिग्री देनेवाला राज्य का पहला विश्वविद्यालय है। झारखंड के किसी दूसरे सरकारी या निजी विश्वविद्यालय में योग में पीजी की पढ़ाई नहीं होती। पीजी योग की कक्षाएं लेक रोड स्थित कुलपति आवास में चलती हैं। इसमें थ्योरी और प्रैक्टिकल की कक्षाएं शामिल हैं। योग की पढ़ाई सीबीसीएस पैटर्न पर हो रही है।