LUCKNOW: बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर सेंट्रल यूनिवर्सिटी में पुरान ऑर्डिनेस से ही इस बार पीएचडी एडमिशन होगा। इस पर अंतिम निर्णय एकेडमिक काउंसिल करेगी। करीब एक मंथ पहले यूनिवर्सिटी प्रशासन ने नए गाइडलाइन के तहत पीएचडी एडमिशन कराने का निर्णय लिया था। जिसे अब यूनिवर्सिटी ने खुद पलट दिया है। यूनिवर्सिटी में में 22 विषयों में पीएचडी में एडमिशन के लिए प्रवेश परीक्षा का परिणाम जुलाई के फ‌र्स्ट वीक में जारी किया था। इसके बाद 25 जुलाई से इंटरव्यू और प्रेंजेंटेशन होना था। लेकिन वीसी प्रो। आरसी सोबती ने निर्देश जारी कर सभी एचओडी से कहा कि पीएचडी में एडमिशन यूजीसी की नई गाइडलाइन से होंगे। इस वजह से काउंसिलिंग स्थगित हो गई। नई गाइड लाइन के बनाने के लिए डॉ। आरपी सिंह की अध्यक्षता में एक कमेटी बना दी गई।

परकमेटी ने सिफारिश की कि नई गाइड लाइन के हिसाब से मौजूदा सेशन में एडमिशन कराना सही नहीं है। इस लिए पुराने पीएचडी आर्डिनेस से ही दाखिला लिया जाए। अगले सेशन से नई गाइड लाइन से एडमिशन लिए जाएंगे। पर वीसी ने इससे मानने से इंकार कर नए ऑर्डिनेस को एकेडमिक काउंसिल में भी पास करा लिया। वीसी के इस आदेश का यूनिवर्सिटी में विरोध शुरू हो गया। स्टूडेंट्स का कहना था कि प्रवेश परीक्षा नई गाइड लाइन के अनुसार नहीं हुई है। साथ ही प्रवेश परीक्षा परिणाम भी घोषित हो गए हैं। प्रवेश प्रक्रिया को बीच में रोक कर नए नियम शामिल करना वैधानिक रूप से सही नहीं है। इसको लेकर छात्रों ने प्रशासनिक भवन के सामने प्रदर्शन की धमकी भी दी थी। स्टूडेंट्स की इस धमकी के बाद वीसी प्रो। सोबती ने प्रो। डीपी सिंह की अध्यक्षता में एक समिति बना दी। मंडे को समिति ने अपनी रिपोर्ट वीसी को सौंप दी। जिसमें समिति ने पुराने ऑर्डिनेस से इस साल एडमिशन लेने की सिफारिश किया है। ऐसा न करने पर स्टूडेंट्स कोर्ट की शरण में जा सकते है। इससे एडमिशन प्रक्रिया पूरी तरह से रूक जाएगी। इस पर वीसी ने कमेटी की सिफारिशों को एकेडमिक काउंसिल में रखने को कहा है।