-काशी विद्यापीठ में कोर्स वर्क कंप्लीट कर चुके सैकड़ों स्टूडेंट्स को अब तक नहीं मिले गाइड

-गुहार लगाने के बाद भी नहीं हो रही सुनवाई, स्टूडेंट्स ने कोर्ट का खटखटाया दरवाजा

VARANASI: एक तरफ यूजीसी विभिन्न कोर्सेज में रिसर्च को लेकर गंभीर है तो वहीं दूसरी ओर यूनिवर्सिटीज इसको तवज्जो नहीं दे रही हैं। आलम यह है कि महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में कोर्स वर्क कम्प्लीट कर चुके स्टूडेंट्स बिना गाइड के रिसर्च कर रहे हैं। इनको कई महीने बाद भी एक अदद गाइड एलॉट नहीं किया जा सका है। जबकि स्टूडेंट्स कई बार यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन से इसके लिए गुहार लगा चुके हैं। इसके बाद भी एडमिनिस्ट्रेशन चुप्पी साधे है। इस दिशा में अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा सका है।

सैकड़ों का फ्यूचर दांव पर

काशी विद्यापीठ एडमिनिस्ट्रेशन का पीछा रिसर्च के जिन्न से नहीं छूट रहा है। अभी तक कोर्स वर्क, एग्जाम और रिजल्ट में उलझी यूनिवर्सिटी अब एक नये विवाद में फंस गयी है। नया मामला भी रिसर्च से ही जुड़ा है। बताया जाता है कि यहां इतिहास, मनोविज्ञान सहित अन्य डिपार्टमेंट्स से सैकड़ों स्टूडेंट्स का कोर्स वर्क कई महीने पहले ही पूरा हो चुका है। लेकिन उनका अभी तक आरडीसी नहीं हो पाया है। जिसके चलते गाइड एलॉट नहीं हो पाए हैं। ऐसे स्टूडेंट्स एचओडी, रजिस्ट्रार व वीसी ऑफिस का चक्कर काट रहे हैं।

कोर्ट से काउंसिल तक

यूनिवर्सिटी के रिसर्च से जुड़ा यह मामला केवल कैंपस तक ही सीमित नहीं है। बल्कि कोर्ट से लेकर एकेडमिक व एग्जिक्यूटिव काउंसिल तक पहुंच चुका है। आरडीसी व गाइड के लिए हिस्ट्री डिपार्टमेंट के स्टूडेंट्स हाईकोर्ट का दरवाजा तक खटखटा चुके हैं। वहीं स्टूडेंट्स का दावा है कि एग्जिक्यूटिव काउंसिल ने कोर्स वर्क में एडमिशन के बाद से ही रिसर्च के लिए रजिस्ट्रेशन पर मुहर लगा दी है। ऐसे में सन् ख्0क्ख् व क्फ् में कोर्स किए स्टूडेंट्स का लगभग दो साल पूरा हो चुका है। ऐसा में सवाल उठता है कि इनके रिसर्च पूरा करने की अवधि क्या होगी? जबसे इनको गाइड मिलेंगे तब से या कोर्स वर्क स्टार्ट करने की डेट से।