-आयुष मंत्रालय के आदेश पर यूजीसी ने जारी किया आदेश

-यूजी और पीज के सिलेबस वेबसाइट पर अपडेट

क्चन्क्त्रश्वढ्ढरुरुङ्घ

यूनिवर्सिटीज और कॉलेजेज से स्टूडेंट्स केवल पढ़ लिखकर न निकलें। वह डिग्री के साथ-साथ हाथों का हुनर भी हासिल करें। ताकि उन्हें रोजगार के लिए भटकना न पड़े। वह खुद का रोजगार स्थापित कर सकें। इसलिए आयुष मंत्रालय ने यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन को बैचलर ऑफ फिजियोथेरेपी (बीपीटी) और मास्टर ऑफ फिजियोथेरेपी (एमपीटी) का कोर्स स्टार्ट करने का आदेश दिया। मंत्रालय के आदेश पर यूजीसी ने सभी यूनिवर्सिटीज और कॉलेजेज को बीपीटी और एमपीटी का कोर्स स्टार्ट करने के आदेश दिए हैं। इसके साथ कोर्स का सिलेबस अपनी वेबसाइट पर अपडेट कर दिया है। वहीं यूजीसी की गाइड लाइन आते ही यूनिवर्सिटी के अधिकारी तैयारियों में जुट गए हैं।

रोजगार देने की है मंशा

बायोलॉजी से इंटर करने वाले स्टूडेंट्स के लिए यह खबर राहत देने वाली है। उन्हें ग्रेजुएशन करने के लिए यूजीसी ने एक और कोर्स स्टार्ट कर दिया है। वह अब फिजियोथेरेपी में बैचलर की डिग्री हासिल कर सकेंगे। बीपीटी में दाखिले के लिए 12 वीं विज्ञान में एक विषय के रूप में जीव विज्ञान होना जरूरी है। इसके साथ ही जो स्टूडेंट बीएससी बॉयो से है, वह फिजियोथेरेपी में मास्टर डिग्री हासिल कर सकेंगें। रजिस्ट्रार डॉ। एसएल मौर्य ने बताया आयुष मंत्रालय ने योगा को बढ़ावा देने लिए बीपीटी और एमपीटी कोर्स स्टार्ट किए हैं। उन्होंने कहा इससे दो फायदे होंगे, एक तो योगा का प्रचार-प्रसार होगा। इसके साथ ही स्टूडेंट्स डिग्री मिलने के बाद खुद का क्लीनिक खोलकर अपना जीवन यापन कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि वीसी आगामी शैक्षिक सत्र से इन कोर्सेज में स्टूडेंट्स के दाखिले लेगी।

इसमें सहायक हैं फिजियोथेरेपिस्ट

गठिया, रीढ़ की हड्डी, जोड़ों के दर्द, बे्रन हेमरेज, कैंसर, तनाव, अस्थमा, मस्तिष्क की चोटों आदि में फिजियोथेरेपिस्ट काफी मददगार साबित होते हैं।