देश में पहले लोकसभा चुनाव 1951 में हुए थे. जिसमें कांग्रेस की सरकार ने 489 में से 364 सीटों पर जीत दर्ज की. इस जीत के साथ ही 'चाचा नेहरु' के नाम से फेमस पंडित जवाहर लाल नेहरु के रूप में हमे अपने देश के पहला प्रधानमंत्री भी मिले. कांग्रेस को चुनावों में 44.9% वोट मिलें.
15 Lok sabha elections and the ruling parties
दूसरे लोकसभा चुनाव 1957 में हुए, जिसमें नेहरु ने लगातार दूसरी बार जीत हासिल की और कांग्रेस को 494 में से 371 सीटों पर जीत मिली. इन चुनावों में कांग्रेस को 47.78% मिले.
तीसरे लोकसभा चुनाव सन् 1962 में हुए, जिसमें नेहरु ने जीत की हैट्रिक मारते हुए लगातार तीसरी जीत दर्ज की. नेहरु लगातार तीसरी बार पीएम बने. इस बार कांग्रेस को 494 सीटों में से 361 सीटें मिली और उनका 44.72% वोट मिले.
नेहरु के गुजर जाने के बाद देश में इंदिरा गांधी रूल शुरु हुआ. देश में चौथे लोकसभा चुनाव 1967 में हुए, जिसमें इंदिरा गांधी जीती और देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनी. इस बार कांग्रेस ने 520 में से 283 सीटों पर जीत दर्ज की और उनको 40.78% वोट मिले.
पांचवे लोकसभा चुनाव सन् 1971 में हुए, जिसमें इंदिरा ने अपनी जीत की जर्नी जारी रखी. इंदिरा के दमखम से इस बार भी कांग्रेस की जीत हुई और उसे 518 में सीटों में से 352 सीटों में जीत मिली और उनको वोट 43.68% मिले.
छठे लोकसभा चुनाव 1977 में हुए, जो कि इंडियन पॉलिटिक्स में एक बड़ा फेर बदल लेकर आए. देश में पहली बार गठबंधन की सरकार बनी. इस बार जनता पार्टी और जनता दल (सेक्युलर) ने मिलकर देश में पहली गठबंधन की सरकार बनाई. मोरारजी देसाई को देश का प्रधानमंत्री चुना गया. देश की पहली गठबंधन सरकार ने 542 में से 345 सीटों पर जीत दर्ज की और उनको 51.89% वोट मिले.
7वें लोकसभा चुनावों में एक बार फिर इंदिरा गांधी की लहर पूरे देश में दौड़ी और उन्होंने जबरदस्त वापसी करते हुए 542 सीटों में से 374 पर जीत दर्ज की, जिसपर कांग्रसे को 42.69% वोट मिले.
8वें लोकसभा चुनाव 1980 में हुए. जिसमें कांग्रेस ने 515 में से 416 सीटों पर जीत दर्ज करी और राजीव गांधी प्रधानमंत्री बनाए गए. इस दौरान कांग्रेस को अब तक के सर्वाधिक 49% वोट मिले.
देश में 9वें लोकसभा चुनाव सन् 1989 में हुए. अब तक देश में गठबंधन से बनने वाली सरकार कि बुनियाद तैयार हो चुकी थी. एक बार फिर कांग्रेस को हराकर देश में नेशनल फ्रंट और जनता दल की गठबंधन सरकार बनी. इस बार देश को प्रधानमंत्री वीपी सिंह के हवाले किया गया. गठबंधन सरकार ने 545 में से 143 पर सीट दर्ज करी और उनको 51.89% वोट मिले.
सन् 1991 में हुए देश के 10वें लोकसभा चुनावों में एक बार फिर कांग्रेस की वापसी हुई और पीवी नरसिम्हा राव को प्रधानमंत्री बनाया गया. इंदिरा गांधी की ही तरह कांग्रेस ने इस बार राजीव गांधी को खो दिया था. देश में सहानभूती की लहर फैली और कांग्रेस ने जोरदार वापसी करते हुए 545 में से 244 सीटों पर जीत दर्ज करी. कांग्रेस को 35% वोट मिले.
साल 1996 में 11वें लोकसभा चुनाव हुए. जिसमें यूनाईटेड फ्रंट की सरकार चुनी गई. इस सरकार ने 545 में से 192 सीटों पर जीत हासिल की और उन्हें 29% वोट मिले. एच.डी. डेवे गौड़ा को प्रधानमंत्री बनाया गया.
1998 में 12वें लोकसभा चुनाव हुए जिसमें बीजेपी और एनडीए की सरकार का सिक्का चला. ये दौर बीजेपी का रहा, उन्हें 545 सीटों में से 254 पर जीत हासिल की. इस जीत में उनको 37.21% वोट मिले.
1999 में 13वें लोकसभा चुनाव हुए जिसमें एकबार फिर बीजेपी और एनडीए की सरकार बनी. इस बार उन्हें 545 में से 270 सीटें मिली. अटल बिहारी इस बार भी प्रधानमंत्री बने रहे. लगातार दूसरी जीत में इन्हें 37.06% वोट मिले.
साल 2004 में देश के 14वें लोकसभा चुनाव हुए. जिसमें कांग्रेस और यूपीए की सरकार बनी. इस सरकार को 35.40% वोट मिले. कांग्रेस और यूपीए की सरकार ने मिलकर 543 में से 218 सीटें जीती. इसी दौरान मनमोहन सिंह देश के पहले सिख प्रधानमंत्री के रूप में चुने गए.
2009 में 15वें लोकसभा चुनाव हुए, जिसमें कांग्रेस एंड यूपिए की जीत का सिलसिला जारी रहा. इस बार सरकार को 37.22% वोट मिले और उसने 543 में से 262 सीटें जीती. वहीं मनमोहन सिंह देश के प्रधानमंत्री बने हुए हैं.