पौ फटते ही इकट्ठे होने लगे लोगबैलून की लॉन्चिंग के लिए पहले ग्यारह सीढ़ी स्मारक के मैदान की साइट निर्धारित की गई लेकिन वहां हवा की रफ्तार तेज होने के कारण ऐन वक्त पर जगह पीएसी ग्राउंड निर्धारित कर दी गई. पौ फटते ही ग्राउंड लोगों का इकट्ठा होना शुरू हो गया. हर कोई गर्म हवा से खड़े होते हुए बैलून्स के साथ सेल्फी ले रहा था. पीएसी में पुलिस ट्रेनिंग के लिए आए जवानों ने भी खूब फोटो खिंचवाई.
शुक्र है, हमारी राइड कैंसल हो गई
डीएम ने भी भरी उड़ानइस दौरान ग्राउंड में अधिकारियों का भी जमावड़ा लगा रहा. डीएम गौरव दयाल भी अपने परिवार के साथ आए और बैलून से उड़ान भरी. उत्तर प्रदेश पर्यटन के मुख्यालय से भी कुछ अधिकारी बैलून सफारी का मजा लेने आए थे. इस दौरान कुछ ऐसे भी पर्यटक आए जिन्हें आने का लकी ड्रॉ सिस्टम की जानकारी नहीं थी. वे ग्राउंड पर ही टिकट खरीदने की जानकारी का पता करने लगे.
तेज हवा से ताज बैलून फेस्टिवल में पांच बैलून की उड़ान कैंसल हो गई. हर किसी के चेहरे पर आसमान से ताज का दीदार न कर पाने का मलाल दिख रहा था. लेकिन जैसे दूसरे बैलून्स के एक्सीडेंट की खबर सुनी तो हर किसी की जान में जान आई. हर कोई यही कह रहा था कि शुक्र है हमारी राइड कैंसल हो गई.
बैलून नहीं उड़ पाने पर मायूस हो गए लोगकरीब सात बजे से बैलून उडऩे का सिलसिला शुरू हुआ. एक के बाद एक बैलून उड़ान भरने लगे. लोग उड़ते हुए बैलून की वीडियो बनाने लगे थे. जैसे-जैसे समय बीतता गया तो हवा भी तेज चलने लगी. एक समय ऐसा आया जब बाकि बचे पांच बैलून्स को उडऩे के लिए रोक दिया गया. जब लोगों का पता लगा कि उनका बैलून अब नहीं उड़ रहा तो सभी मायूस हो गए और वापस जाने लगे. लेकिन कुछ समय बाद जब बैलून्स के एक्सीडेंट की खबर आई तो लोगों की मायूसी राहत में बदल गई और नहीं उड़ पाने का शुक्र मनाया.