भूटान के पीएम का प्लेन खराब मौसम के बीच अपने निर्धारित समय से लगभग दो घंटे की देरी से बाबतपुर स्थित लालबहादुर शास्त्री इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचा. एयरपोर्ट से उनका काफिला नदेसर स्थित होटल पहुंचा. वहां कुछ देर रेस्ट करने के बाद भूटान पीएम दोहपर लगभग एक बजे सारनाथ स्थित पुरातात्विक संग्रहालय पहुंचे. वहां उनका वेलकम अधीक्षण पुरातत्वविद् अजय श्रीवास्तव व नितेश सक्सेना ने बुके देकर किया. म्यूजियम में दाखिल होते ही मुख्य हाल में रखे गए भारत के राष्ट्रीय चिन्ह सिंह शीर्ष को देखकर पीएम तोबगे ने इसके बारे में डिटेल्ड इंफॉर्मेशन ली. म्यूजियम भ्रमण के बाद लगभग पौने दो बजे काफिला लंच के लिए होटल रिटर्न हो गया.
काशी खूब भाया, दिल पर छाया
लंच के बाद लगभग तीन बजे भूटान पीएम पत्नी समेत चौखंडी स्तूप पहुंचे और उसका अवलोकन किया. जिसके बाद पुरातात्विक खंडहर परिसर में धमेख स्तूप के समक्ष केंद्रीय तिब्बती अध्ययन विश्वविद्यालय के 24 भूटानी बौद्ध भिक्षुओं ने महायान बौद्ध परंपरा के अनुसार विश्व शांति के लिए पूजा कराई.
यह अनुष्ठान लगभग तीस मिनट तक चला. इसके बाद यहां से काफिला शाम चार बजे मूलगंध कुटी बौद्ध विहार परिसर पहुंचा. यहां महाबोधि सोसाइटी ऑफ इंडिया के भिक्षु विमल रत्न थेरो, भिक्षु पी शीलवंश व डॉ. वेनी माधव ने खाता भेंटकर पीएम का वेलकम किया.
मूलगंध कुटी मंदिर में भिक्षु पी शिबली थेरो ने थेरोवाद परंपरा के अनुसार उनके दीर्घायु होने और दोनों देशों के बीच के रिलेशन में और मधुरता लाने के लिए भगवान बुद्ध के समक्ष पूजा-पाठ कराया. भूटान के इस दौरान पीएम ने बोधि वृक्ष की परिक्रमा कर दीपदान भी किया.
उन्होंने पी शिबली थेरो से दोनों देशों के बीच धार्मिक, सामरिक व सोशल रिलेशन पर कुछ देर तक बात की. उन्होंने कहा कि भारत व भूटान का संबंध काफी पुराना है. शाम पौने पांच बजे भूटान पीएम सारनाथ से होटल के लिए रवाना हो गए.