जैसे हो वैसे रहना: दोस्ती में दिखावा सबसे खतरनाक होता है. अगर आप चाहते हैं कि आपकी दोस्ती को अपनी ही नजर ना लगे तो मुखौटा चढ़ा कर दोस्त के सामने ना जाएं. ना ही ऐसे लोगों से दोस्ती रखिए जो आपके सामने मुखौटा लगा कर आते हों.
तस्वीरों में जानें दोस्ती के खास रूल्स
दोस्त से दोस्ताना रखिए: ये भले ही सुनने में अजीब लगे लेकिन है बिलकुल सच, अगर आप को सच्चा दोस्त चाहिए तो खुद सच्चे दोस्त बनिए और हमेशा दोस्ती निभाइए. दोस्त पर भरोसा कीजिए और उसे ये यकीन दिलाइए की आप भरोसे के लायक हैं.
दोस्ती खुशनुमा हो: क्या सोच रहे हैं कि ये कौन सी बात है लेकिन सच है. दोस्ती में हमेशा कंप्लेन मत करिए. ऐसा करने से आप का साथ दूसरे को बोरिंग लगने लगेगा. इंट्रस्टिंग बातें करिए और दूसरे को भी अपनी बातें शेयर करने का मौका दीजिए. हर बात पर हरेक को जज मत करिए बल्कि लेट गो करना सीखिए.
ईमानदार रहिए: जीहां हर अच्छे, बुरे में दोस्त के साथ ईमानदार रहिए. अपने दोस्त को भी ईमानदारी से अपनी बात कहने का मौका दीजिए. अच्छा या बुरा, सही या गलत हमेशा दोस्त का साथ दीजिए. जो वक्त के साथ बदल जाए उसे यार नहीं कहते.
प्यार से कहिए और दिल से सुनिए: तो दोस्ती के पौधे को सही पोषण मिलता रहेगा और आपकी दोस्ती को नाराजगी और नासमझी की नजर नहीं लगेगी. फॉलो करिए ये कुछ छोटे छोटे रूल्स और पाइए सुरक्षित लंबी दोस्ती.
अंडरस्टैंडिंग बनाएं और साफ बोलें: अपने दोस्त को अच्छी तरह समझने की कोशिश करें तभी आप उसे अपने को समझने में मदद कर सकेंगे. अगर मिसअंडरस्टैंडिंग हो भी तो साफ और सीधे अपनी गलतफहमी को शेयर करें और उसकी शिकायत सुनें. इससे आपकी दोस्ती में पारदर्शिता बनी रहेगी और दोस्ती भी.