सावन के पहले सोमवार को शिवनगरी में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़.
शिवनगरी में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़...
आस्था की लुटिया में गंगाजल लिए कांवरियों ने श्री काशी विश्वनाथ का किया अभिषेक.
प्रशासनिक व्यवस्था की चूक के चलते डाकबमों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा. हालांकि इस बार उनकी संख्या कुछ कम ही थी. मंदिर सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पहले सोमवार को करीब आधा दर्जन डाकबम ने बाबा का जलाभिषेक कर अपना संकल्प पूरा किया. डाकबमों को बांसफाटक गेट नंबर एक से मंदिर में प्रवेश करने की व्यवस्था की गयी थी. लेकिन वहां तैनात सुरक्षा कर्मियों ने डाकबमों को इसकी सूचना न होने का हवाला देते हुए रोक दिया. उन्होंने डाकबमों को छत्ताद्वार गेट नंबर चार पर भेज दिया. वहां से उन्हें फिर गेट नंबर एक के लिए वापस कर दिया गया. दो बार इधर से उधर चक्कर लगाने के बाद किसी तरह सुरक्षाकर्मियोंने डाकबमों को गेट नंबर एक से अंदर जाने दिया.
आस्था की लुटिया में गंगा जल और तन पर श्रद्धा का केसरिया रंग सजाये कांवरियों का रेला बाबा दरबार में हाजिरी लगाने के लिए सुबह से उमड़ता रहा. मौसम की तल्खी को दरकिनार कर दूर दराज से कांवरिया बाबा भोलेनाथ का अभिषेक करने काशी पहुंचे.
बाबा के दर्शन को बड़ी संख्या में अफसरों और नेताओं का आना हुआ. इसके चलते आम श्रद्धालुओं को परेशानी उठानी पड़ी. ड्यूटी में तैनात पुलिस वाले वीआईपी लोगों को दर्शन के लिए निर्धारित समय छह से 11 बजे के बाद भी दर्शन कराते रहे. स्थिति का जायजा लेने के लिए डीएम वहां पहुंचे और उन्होंने पुलिस वालों को कड़ी फटकार लगायी.
सिटी कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के अनुसार पहले सोमवार को 70 हजार श्रद्धालुओं ने बाबा दरबार में हाजिरी लगाई. काशी विश्वनाथ मंदिर के अलावा मारकण्डेय महादेव, बीएचयू विश्वनाथ मंदिर और शहर के दूसरे शिवालयों में भी श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी.
बाबा के सेवकों की सेवा कर उन्होंने शिवभक्तों का पुण्य लाभ बांट लिया. लक्सा स्थित श्री काशी विश्वनाथ सेवा संघ समिति के कार्यकर्ता कांवरियों की सेवा में पूरे समर्पित भाव से लगे रहे.
बाबा के सेवकों की सेवा कर उन्होंने शिवभक्तों का पुण्य लाभ बांट लिया. लक्सा स्थित श्री काशी विश्वनाथ सेवा संघ समिति के कार्यकर्ता कांवरियों की सेवा में पूरे समर्पित भाव से लगे रहे.
जब बाबा के दर्शन हुए तो सारी थकावट अपने आप ही दूर हो गई. मंगला आरती के बाद मंदिर के पट आम दर्शनार्थियों के लिए खोल दिये गये.
बाबा दरबार में हाजिरी लगाने के लिए श्रद्धालुओं की लंबी लाइन लगी रही. कतार में खड़े खड़े पैर जवाब देने लगे थे.
दूर दूर से आ रहे शिवभक्तों की सेवा के लिए विभिन्न सामाजिक संगठनों ने खासा इंतजाम कर रखा था. समिति की ओर से सिंधी धर्मशाला में लगाये गये शिविर में कांवरियों के लिए खाने-पीने ठहरने आदि से लेकर मेडिकल तक की सुविधा उपलब्ध कराई गई थी.
पहले सोमवार को हजारों यादव बंधुओं ने काशी विश्वनाथ मंदिर में जलाभिषेक कर परंपरा का निर्वाह किया. चंद्रवंशी गोप सेवा समिति और श्री कृष्ण यादव महासभा के बैनर तले हजारों की संख्या में यादव बंधु केदारघाट पर एकत्र हुए. गंगा स्नान के बाद उन्होंने अपने अपने पात्रों में जल भरा और केदारेश्वर, महामृत्युंजय, ओंकारेश्वर आदि शिवालयों में जलाभिषेक कर अपने यात्रा की शुरुआत की.
यात्रा विभिन्न रास्तों से होती हुई दशाश्वमेध घाट पहुंची. फिर वहां से सभी यादव बंधुओं ने फिर से पात्रों को भरा और श्री काशी विश्वनाथ का जलाभिषेक किया. जलाभिषेक यात्रा में चंद्रवंशी गोप सेवा समिति के अध्यक्ष लालजी सरदार, चुलबुल सरदार, गोपाल यादव आदि लोग शामिल हुए. एक दो जगहों पर पुलिस वालों और श्रद्धालुओं के बीच हल्की नोकझोंक भी हुई.
सावन के पहले सोमवार को सबसे पहले बाबा के जलाभिषेक की कामना में कांवरियों का रेला रविवार की रात में ही लाइन में लग गया था.
प्रशासनिक व्यवस्था की चूक के चलते डाकबमों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा. हालांकि इस बार उनकी संख्या कुछ कम ही थी. मंदिर सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पहले सोमवार को करीब आधा दर्जन डाकबम ने बाबा का जलाभिषेक कर अपना संकल्प पूरा किया. डाकबमों को बांसफाटक गेट नंबर एक से मंदिर में प्रवेश करने की व्यवस्था की गयी थी. लेकिन वहां तैनात सुरक्षा कर्मियों ने डाकबमों को इसकी सूचना न होने का हवाला देते हुए रोक दिया. उन्होंने डाकबमों को छत्ताद्वार गेट नंबर चार पर भेज दिया. वहां से उन्हें फिर गेट नंबर एक के लिए वापस कर दिया गया. दो बार इधर से उधर चक्कर लगाने के बाद किसी तरह सुरक्षाकर्मियोंने डाकबमों को गेट नंबर एक से अंदर जाने दिया.
सुबह जैसे की सूरज ने आंखें खोली श्रद्धालुओं ने बाबा का जलाभिषेक कर अपना संकल्प पूरा किया.
शिव की नगरी काशी सोमवार को बोल बम बोल बम के उद्घोष से गूंज उठी. देश के कोने कोने से आये शिवभक्तों ने श्री काशी विश्वनाथ का जलाभिषेक किया. आस्था की लुटिया में गंगा जल और तन पर श्रद्धा का केसरिया रंग सजाये कांवरियों का रेला बाबा दरबार में हाजिरी लगाने के लिए सुबह से उमड़ता रहा.
सेवा कर बांट लिया पुण्य.
मौसम की तल्खी को दरकिनार कर दूर दराज से कांवरिया बाबा भोलेनाथ का अभिषेक करने काशी पहुंचे.
चितरंजन पार्क स्थित कांवरिया शिविर में भी कार्यकर्ताओं में शिवभक्तों की सेवा कर पुण्य कमाने की होड़ दिखी. इधर बांसफाटक, चौक आदि इलाकों में भी विभिन्न सामाजिक संगठनों के लोग शिविर लगाकर शिवभक्तों की सेवा में जुटे हुए थे.