स्मृति ईरानी शनिवार को काशी विद्यापीठ में आयोजित सेमिनार में शामिल होने आई थीं.
बीएचयू छात्रसंघ के लिए स्मृति ईरानी को घेरा
कैंपस के गांधी अध्ययनपीठ में सेमिनार में स्मृति ईरानी .
बीएचयू में छात्रसंघ बहाली की मांग को लेकर स्टूडेंट्स ने शनिवार को बनारस आईं मानव संसाधन व विकास मंत्री स्मृति ईरानी का घेराव किया और नारेबाजी की. इस दौरान उन्होंने बीएचयू स्टूडेंट्स को आश्वासन दिया कि बीएचयू में जल्द ही नए वीसी आ रहे हैं. बीएचयू एक्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि इस एक्ट के तहत वीसी को विशेषाधिकार प्राप्त है. मंत्रालय सिर्फ सिफारिश ही कर सकता है. वह शनिवार को काशी विद्यापीठ में आयोजित सेमिनार में शामिल होने आई थीं.
गांधी अध्ययनपीठ में सेमिनार समाप्त होते ही जैसे ही वह बाहर निकलीं वैसे ही बीएचयू के दो दर्जन स्टूडेंट्स ने 'बीएचयू में छात्रसंघ बहाल करोÓ का नारा लगाना स्टार्ट कर दिया.
इसके बाद स्मृति ईरानी की गाड़ी जैसे ही गेट से बाहर निकली, छात्रों ने उनकी गाड़ी को घेर लिया. इस बीच एक छात्रा उनके गाड़ी की बोनट पर भी चढ़ गई. इस दौरान छात्रों को पुलिस के धक्का-मुक्की का शिकार भी होना पड़ा. हालांकि, स्टूडेंट्स का हुजूम देख स्मृति ईरानी अपनी कार से नीचे उतर गईं. उनके गाड़ी से उतरते ही छात्रों ने छात्रसंघ बहाली के संबंध में उन्हें ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन देने वालों में एनएसयूआई के विकास सिंह, हर्षित सिंह, राकेश उपाध्याय, अंबुज राय, राहुल राज, आइसा की सरिता पटेल, शिखा सिंह सहित अन्य स्टूडेंट्स शामिल रहे.
इससे पहले छात्रों ने जब स्मृति ईरानी को घेरा तो वहां मौजूद पुलिस वाले उन्हें धकियाने लगे. यह देख वह अपनी कार से बाहर निकल गईं और उन्होंने पुलिस को वॉर्निंग दी कि वह छात्रों पर कोई कार्रवाई न करें. इतना सुनते ही छात्रों ने स्मृति ईरानी जिन्दाबाद के नारे लगाए. जिसके बाद मंत्री स्मृति ईरानी वीसी आवास चली गईं. जिसके कुछ देर बाद वह यहां से बाबा काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन के लिए रवाना हो गईं.
जन कल्याण फाउंडेशन ने बीएचयू के साउथ कैंपस का नाम राजीव गांधी से बदल कर महामना मालवीय करने की मांग की. इस संबंध में डॉ. संजय सिंह गौतम, डॉ. अजयेंद्र कुमार दुबे, डॉ. आनंद सिंह ने मानव संसाधन विकास मंत्री को ज्ञापन सौंपा.
विद्यापीठ में सेमिनार के बाद चंदुआ छित्तूपुर की निवासी तारा देवी ने स्मृति ईरानी को अपनी व्यथा सुनाई. उन्होंने कहा कि उनका पुत्र विशाल कुमार मौर्य रायबरेली से बीटेक कर रहा है. उसके पिता छेदी लाल मौर्य की अचानक तबीयत खराब होने पर वह घर वापस चला आया. इस बीच उसके पिता का निधन हो गया. करीब बीस दिनों के बाद जब वह कॉलेज पहुंचा तो उसे बताया गया कि उसका नाम काट दिया गया है. मानव संसाधान व विकास मंत्री ने उन्हें सोमवार तक कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन से बात करने का आश्वासन दिया.