संडे को लगे इस कैंप में चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ. डीके भागवानी ने बड़ी तादाद में बच्चों का चेकअप किया. इस दौरान उनमें खून की कमी, पेट से जुड़ी प्रॉब्लम के साथ ही न्यूट्रीशन की कमी मिली. इस दौरान डॉक्टर ने उन्हें न्यूट्रीशन लेने के साथ ही साफ पानी पीने और खुद साफ रहने की सलाह दी.
i next free health checkup camp at Gorakhnath
हेल्थ चेकअप कैंप में बड़ी तादाद में फीमेल्स आई थी. गाइनकोलॉजिस्ट सुरहिता करीम ने बताया कि फीमेल्स में काफी तरह की बीमारियां देखने को मिली. इसमें किसी को पैरों में दर्द, तो किसी की आंखों में प्रॉब्लम, किसी को रेग्युलर सिरदर्द की शिकायत थी. इन सबके पीछे कैल्शियम की कमी तो थी साथ ही उनमें से मैक्सिमम एनिमिया की चेपट में भी थी.
कैंप में एक बड़ी तादाद ईयर, नोज और थ्रोट के मरीजों की भी थी. ईएनटी सर्जन डॉ. पीएन जायसवाल ने बताया कि इसमें सबसे ज्यादा कान से जुड़ी बीमारियों के पेशेंट्स थे. कान की प्रॉब्लम होने पर कई लोगों ने चाभी या किसी नुकीली चीजों से कान साफ किए, जिसकी वजह से उनके कान में जख्म हो गया.
आंख की प्रॉब्लम से जुड़े कई लोग कैंप में दिखाने के लिए पहुंचे. आई सर्जन डॉ. कमलेश शर्मा ने बताया कि आंखों में सबसे ज्यादा प्रॉब्लम पानी आने और कम दिखाई देने की थी. सबसे बड़ी वजह कि मेडिकल स्टोर से प्रॉब्लम बताकर दवा ले लेना आंख में प्रॉब्लम होने का सबसे बड़ा रीजन है. आंख में कोई दवा अगर रिएक्शन कर जाती है, तो ऐसी कंडीशन में आंख की रोशनी भी जा सकती है, इसलिए सिर्फ स्पेशलिस्ट से ही आंखों का इलाज कराएं.
गोरखनाथ एरिया में लगे इस कैंप में आई सर्जन के तौर पर डॉ. ए आलम भी मौजूद थे. आई से जुड़े मरीज ज्यादा होने की वजह से उन्होंने भी बड़ी तादाद में पेशेंट्स का चेकअप किया. उन्होंने बताया कि बच्चों की आंख कमजोर होने के दो बड़े रीजंस है. रेग्लयुर टेलीविजन देखने के साथ ही मोबाइल का यूज, इससे जहां तक पॉसिबल हो बचने की जरूरत है. इस दौरान बड़ों में सबसे ज्यादा मोतियाबिंद के पेशेंट्स मिले.
सीनियर सिटीजंस और फीमेल्स में जो सबसे ज्यादा प्रॉब्लम ऑर्थो से जुड़ी मिली. ऑर्थो सर्जन डॉ. भारतेंद्र जैन ने बताया कि दिखाने आए मरीजों में सबसे ज्यादा जोड़ों में दर्द की प्रॉब्लम थी. इसका सबसे बड़ी रीजन कैल्शियम की कमी है. इससे बचने के लिए जहां तक पॉसिबल हो दूध से बनी चीजों का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें और दर्द न हो इसके लिए रेग्युलर एक्सरसाइज भी करें.
डेंटिस्ट के तौर पर कैंप में डॉ. गिरीश चंद द्विवेदी मौजूद थे. चेकअप के बाद उन्होंने बताया कि छोटे बच्चों में सबसे ज्यादा कैविटी की प्रॉब्लम पाई गई, वहीं छोटे से बड़े तक में मैक्सिमम पेशेंट्स पायरिया के मिले. इसकी सबसे अहम वजह दांतों की प्रॉपर सफाई न करना है. इससे बचने के लिए जरूरी है कि दो बार दांतों की सफाई की जाए, साथ ही जहां तक पॉसिबल हो कुछ खाने के फौरन बाद कुल्ला भी कर लिया जाए.
फिजिशियन डॉ. आलोक पांडेय ने बताया कि चेकअप कराने आए पेशेंट्स में सबसे ज्यादा दो तरह की प्रॉब्लम मिली. इसमें जहां एलर्जी की प्रॉब्लम आम दिखी, वहीं कई लोगों को सांस की भी दिक्कत थी. एलर्जी की सबसे बड़ी वजह जहां मौसम का अनइवेन चेंज है, वहीं सांस से जुड़ी प्रॉब्लम्स धूल की वजह से हुई है.
बेसिक और जनरल प्रॉब्लम से जूझ रहे पेशेंट्स की तादाद काफी ज्यादा थी. इसकी वजह से दो फिजिशियंस ने जिम्मेदारी निभाई. डॉ. जेपी नारायण ने बताया कि कई मरीज पेट से जुड़ी प्रॉब्लम और गैस्ट्राइटिस से जूझ रहे थे, वहीं वायरल मरीजों की तादाद भी काफी ज्यादा थी. पेट की प्रॉब्लम से बचने के लिए पानी का खास ध्यान रखें. जहां तक पॉसिबल हो फिल्टर और गर्म किए पानी का ही यूज करें.
आई नेक्स्ट की यह अच्छी पहल है, इससे जरूरतमंद लोगों को काफी फायदा मिलेगा.
हैलो हेल्थ चेकअप कैंप में उमड़े जरूरतमंद, वार्ड नंबर 47 के सैकड़ों बीमारों का अलफलाह एकेडमी में हुआ इलाज