मिरांडा गोवा के लूटोलिम में 330 साल पुरानी अपनी पुश्तैनी हवेली में रहते थे.
तस्वीरों के जरिए जानें, मारियो मिरांडा से जुड़ी कुछ अनसुनी बातें
7 photos | Updated Date: Sun, 03 May 2015 13:23:13 (IST)
इन्होंने अपने कॅरियर की शुरुआत एक विज्ञापन स्टूडियो से की थी. इनका काम Mid Day, भारत की वीकली मैग्ज़ीन फेमिना, इकोनॉमिक टाइम्स और द टाइम्स ऑफ इंडिया में भी नजर आता था.
उनको Fundaco Calouste Gulbenkian छात्रवृत्ति की पेशकश दी गई, जिससे उन्होंने पुर्तगाल की यात्रा की और एक साल तक वहां पर रहे भी.
1988 में इनको पद्म श्री से सम्मानित किया गया. उसके बाद 2002 में इनको पद्म भूषण से भी नवाजा गया.
पांच साल इंग्लैंड में रहने के बाद मिरांडा मुंबई लौटे और टाइम्स ऑफ इंडिया के लिए काम करना शुरू कर दिया.
इन्होंने कई किताबों के लिए चित्र बनाए. इनमें से एक थी मनोहर मलगोन्कर की 'Inside Goa'.
पुर्तगाल में एक साल रहने के बाद, मिरांडा लंदन पहुंचे. यहां इन्होंने पांच साल बिताए और यहीं पर रहकर इन्होंने अखबारों के लिए कार्टून्स बनाने सीखे.